Uttarakhand News: उत्तराखंड में अब से बिजली कनेक्शन में देरी पर ऊर्जा निगम से वसूले जाने वाले जुर्माने में उपभोक्ताओं को भी हिस्सा मिलेगा. लेकिन अभी तक यह जुर्माना विद्युत नियामक आयोग ही वसूलता था. मगर अब आयोग ने नई व्यवस्था का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. जिसमें इस मामले में उपभोक्ताओं से आपत्ति और सुझाव मंगवाए गए हैं. एलटी कनेक्शन 15 दिन और एचटी कनेक्शन 60 दिन के भीतर देना होगा. इसमें देरी होने पर 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा. एलटी कनेक्शन में लोड बढ़ाने के आवेदन पर 15 दिन, एचटी कनेक्शन में 30 दिन में काम नहीं होने पर 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 50 हजार जुर्माना देना होगा.
तय समयसीमा में ठीक करनी होगी बिजली
वहीं एमसीबी ट्रिप होने पर लाइट जाने पर शहरों में चार घंटे, गांव में आठ घंटे, पहाड़ों पर जहां मोटर रोड नहीं है. वहां 12 घंटे में बिजली सप्लाई चालू करनी होगी. सर्विस लाइन टूटने, लाइन बिजली पोल से टूटने पर शहरों में छह घंटे, गांव में 12 घंटे, पहाड़ों पर बिना मोटर रोड वाले क्षेत्रों में 24 घंटे में लाइन ठीक करनी होगी. एलटी लाइन में फॉल्ट आने पर शहर और गांव में 12 घंटे, पहाड़ों में बिना मोटर रोड वाले क्षेत्र में 24 घंटे में सप्लाई चालू करनी होगी. ट्रांसफार्मर में खराबी, आग लगने पर शहर-गांव में 24 घंटे, पहाड़ पर मोटर रोड वाले क्षेत्र में 48 घंटे, बिना मोटर रोड वाले क्षेत्र में 72 घंटे में लाइट देनी होगी.
ये है जुर्माने का प्रावधान
बता दें कि 11 केवी और 33 केवी एचटी लाइन में फॉल्ट आने पर शहर, गांव में 12 घंटे, पहाड़ पर बिना मोटर रोड वाले क्षेत्र में 24 घंटे में लाइट चालू करनी होगी. ऐसा नहीं करने पर 20 रुपए प्रति घंटे की दर से जुर्माना लगेगा. इसके सापेक्ष उपभोक्ता को दस रुपये प्रति घंटे के हिसाब से मुआवजा मिलेगा. जबकि डिस्ट्रीब्यूशन लाइन, ट्रांसफार्मर, कैपेसिटर में खराबी पर एलटी लाइन 15 दिन, एचटी लाइन 90 दिन, ट्रांसफार्मर-कैपेसिटर 30 दिन के भीतर ठीक करना होगा. ऐसा नहीं करने पर 200 रुपए रोज जुर्माना लगेगा. इसमें 100 रुपए प्रतिदिन उपभोक्ता को मिलेंगे.
200 रुपए जुर्माना में100 रुपए उपभोक्ता को
ऐसा नहीं होने पर 200 रुपए रोज जुर्माना लगेगा और 100 रुपए रोज उपभोक्ता को मिलेंगे. वोल्टेज के उतार चढ़ाव के कारण उपकरण जलने पर भी मुआवजा बढ़ाने का प्रावधान किया गया है. आयोग ने नए ड्राफ्ट में इसी तरह की कई और व्यवस्थाओं को लेकर जुर्माने और उपभोक्ताओं को हर्जाना देने की व्यवस्था की है.