Uttarakhand News: उत्तराखंड में कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Park) के आसपास हुई कमर्शियल गतिविधियों और विभिन्न तरह के निर्माण को लेकर उत्तराखंड वन विभाग (Uttarakhand Forest Department) को एनटीसीए (NTCA) ने नोटिस दिया है. विभाग पर बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाने और नियमों को तोड़ने का आरोप लगा है. कॉर्बेट में बढ़ी व्यावसायिक गतिविधियों पर जवाब तलब किया गया है. दरअसल चिंता जंगली जानवरों के जंगलों पर कब्जा करने की है. 


आरोपों के मुताबिक, कॉर्बेट क्षेत्र में बफर जोन के आसपास हुई व्यावसायिक गतिविधियों ने इस चिंता को बढ़ा दिया है. एनटीसीए को याचिकाकर्ता गौरव बंसल ने अपनी याचिका में लिखा है कि ऊंची पहुंच रखने वाले व्यवसायी और नौकरशाहों को फायदा पहुंचा रहे हैं. इस वजह से नियमों में शिथिलता बरती गई है. इसी को देखते हुए एनटीसीए (National Tiger Conservation Authority) ने विभाग के अधिकारियों से जवाब तलब किया है.


वन मंत्री ने इसपर क्या कहा
अगर नियमों के विरुद्ध यहां निर्माण हुआ तो मामला बेहद गंभीर है, हालांकि इस पर वन विभाग एनटीसीए को जवाब में क्या लिखता है ये महत्वपूर्ण है. उधर मामले पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी और जंगल में अतिक्रमण करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. मंत्री का कहना है कि एनटीसीए के नियमों के अनुसार ही काम होगा.


वहीं उत्तराखंड वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक समीर सिन्हा ने दावा किया है कि, जो भी रिजॉर्ट, होटल वहां बने हैं वह बफर जोन का क्षेत्र नहीं है. सिन्हा ने कहा कि जो भी निर्माण हुआ है वो निजी भूमि पर हुआ है, जो कि बफर क्षेत्र का हिस्सा नहीं है.


याचिकाकर्ता के आरोप बेहद गंभीर हैं और मसला जंगली जानवरों से जुड़ा हुआ है. हालांकि इस क्षेत्र में हुए कई निर्माणों को किन नियमों के तहत इजाजत दी गई ये काफी महत्वपूर्ण है. एनटीसीए ने विभाग को इसपर जवाब देने को कहा है. विभाग क्या जवाब देता है, ये देखने वाली बात होगी.


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