Uttarakhand Assembly Session: सदन में विपक्ष ने किया जोरदार हंगामा, कांग्रेस नेताओं की मार्शल से धक्का-मुक्की
Uttarakhand Assembly News: उत्तराखंड विधानसभा में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण समाप्त करने की मांग को लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ. कांग्रेस के नेताओं ने सदन में बजट की कॉपी को फाड़ दिया.
Uttarakhand Assembly Session 2022: जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण समाप्त करने की मांग को लेकर आज यानी गुरुवार को सदन में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण खत्म करने को लेकर विपक्ष ने सदन में पहले हंगामा किया. जिसके बाद कांग्रेस विधायक वेल में धरने पर बैठ गए हैं. विपक्ष ने कहा पूर्व में विधानसभा से जो कमेटी चंदन रामदास की अध्यक्षता में गठित हुई थी. उसकी रिपोर्ट कहां गई. कांग्रेस के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही कुछ देर रुकी.
कांग्रेस के नेताओं ने फाड़ी बजट की कॉपी
बता दें कि सदन में हंगामे के बीच विधायक अनुपमा रावत और सुमित हृदयेश की मार्शल से धक्का-मुक्की हुई. वहीं कांग्रेस के नेताओं ने सदन में बजट की कॉपी फाड़ दी. विधानसभा स्पीकर के कई बार कहने के बावजूद विपक्ष शांत नहीं बैठा. जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि प्राधिकरण की जरूरत क्यों है? पालिका, नगर पंचायत से नक्शे पास होते थे. जब प्राधिकरण इतना पैसा वसूल रहा है तो उसके बदले जनता को क्या सुविधा दे रहे हैं. शहरी क्षेत्रों में शुल्क दो फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में शुल्क पांच फीसदी. जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण बेतुका निर्णय है. गरीबों से यह मात्र वसूली का जरिया है. उप नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछली कमेटी की रिपोर्ट को पटल पर रखकर प्राधिकरण को समाप्त किया जाए.
मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने क्या कहा?
संसदीय कार्य मंत्री एवं शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जो पैसा प्राधिकरण कमाते हैं, उस क्षेत्र में स्थापना से जुड़े कामों में लगता है. 2016 के बाद जो क्षेत्र जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण में शामिल हुए थे, वहां मानचित्र की कोई अनिवार्यता नहीं है. इसके बाद मंत्रिमंडलीय उप समिति की रिपोर्ट के आधार पर तमाम राहत दी गई. यह तय किया गया था कि अगर 2016 के बाद विकास प्राधिकरण में शामिल होने वाले नए क्षेत्रों को नक्शा पास कराने की स्वेच्छा से आजादी होगी, बाध्यता नहीं होगी. मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया था कि 2016 से पूर्व के बने हुए विकास प्राधिकरण को छोड़कर नए जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को स्थगित किया गया था. प्रेमचंद अग्रवाल ने साफ कहा कि विपक्ष सरकार की बात को सुनना नहीं चाहता और सदन की कार्यवाही को बाधित कर हंगामा करने का काम कर रहा है.
Uttarakhand में पानी की बर्बादी करने वालों पर कसी जाएगी नकेल, लग रहे हैं हर घर में मीटर