Uttarakhand News: खेती को आधुनिक बनाने के लिए देश के कृषि वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे है. इसी कड़ी में पंतनगर कृषि विश्विद्यालय (Pantnagar Agriculture University) के वैज्ञानिक की टीम द्वारा एक ड्रोन बनाया गया है. जो मजदूर की जगह काम करेगा. इस ड्रोन की सहायता से  किसान खेत में स्प्रे कर अपनी लागत को कम कर सकता है.  बता दें कि पंतनगर कृषि विश्विद्यालय के शोध निदेशालय की देख रेख में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और छात्रों ने उत्तराखंड (Uttarakhand) का पहला कॉमर्शियल ड्रोन (Commercial Drone) तैयार किया है.  जो कुछ मिनटों में ही कई हेक्टेयर भूमि में स्प्रे कर सकता है.

 

कुलपति तेज प्रताप सिंह और निदेशक शोध अजीत नैन द्वारा ड्रोन का शुभारंभ किया गया. साथ ही ड्रोन की मदद से गेहूं के खेत में स्प्रे भी किया गया. वहीं निदेशक शोध डॉक्टर अजीत नैन ने बताया की ड्रोन का इस्तेमाल अब कृषि में होने लगा है. जिससे किसानों की लागत को कम किया जा सकता है.  उन्होंने बताया की पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार ड्रोन की मदद से रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा. ये ड्रोन 15 मिनट में एक हेक्टेयर भूमि में छिड़काव कर सकता है. 

 


 

ड्रोन की मदद से फसल में लगने वाली बीमारियों का भी पता चल सकेगा

इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अब इस ड्रोन की मदद से फसल में लगने वाले डिजीज (रोग) को पहचान कर उसपर  रसायन कीटनाशक का प्रयोग कर सकेंगे. इसकी तैयारी की जा रही है. बता दें कि ड्रोन पर कैमरा (मल्टी स्पेक्टल कैमरा) लगाया जाएगा. निदेशक शोध अजीत नैन द्वारा बताया गया की जल्द ही ड्रोन में इस तकनीक को भी इजात किया जा रहा है, ताकि ड्रोन की मदद से रोगो का हाथो हाथ समाधान किया जा सके और किसान की लागत को कम करते हुए आमदनी बढ़ाई जा सके. 

 

ड्रोन की ये भी है खासियत

उधम सिंह नगर जिले के पंतनगर विश्विद्यालय द्वारा तैयार किए गए ड्रोन की खासियत ये है की इसे जिस स्थान से उड़ाया जायेगा यह उसी स्थान पर आ कर रुकेगा. यही नहीं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अब ड्रोन में लगे कैमरे की मदद से रोग की पहचान कर उसी स्थान पर रासायनिक कीटनाशक का स्प्रे कर रोग का निदान भी करेंगे.

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