Dehradun News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत (Harish Rawat) ने शुक्रवार को बेरोजगार युवाओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में धरना दिया और चेतावनी दी कि अगर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो वह जल्द ही आमरण अनशन शुरू करेंगे. देहरादून महानगर कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित पुलिस मुख्यालय के घेराव कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा और अन्य वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए रावत की इस दौरान तबीयत भी बिगड़ गयी.


पुलिस ने कांग्रेस के कूच को गंतव्य से पहले ही अवरोधक लगा कर रोक लिया जिस पर रावत समेत सभी कांग्रेस नेता वहीं धरने पर बैठ गए. इस दौरान, रावत की तबीयत बिगड़ गयी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. बाद में, रावत ने आरोप लगाया कि प्रदेश का नौजवान एक साफ-सुथरी परीक्षा प्रणाली चाहता है, लेकिन राज्य सरकार उनकी मांग मानने के बजाय उन पर लाठी भांज कर उन्हें जेल भेज रही है.


आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे- हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जल्द ही युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो वह आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे. उन्होंने कहा कि युवाओं के हित के लिए वह जान की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हटेंगे. गौरतलब है कि भर्ती घोटालों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे युवाओं की गुरुवार को पुलिस से झड़पें हुईं और उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इसमें प्रदर्शनकारी युवाओं और पुलिस दोनों पक्षों के कुछ लोग चोटिल भी हुए.


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वहीं भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली के खिलाफ बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देशभर में अपनी जमीन खो चुके कुछ राजनीतिक संगठन अपने हितों के लिए युवाओं को उकसा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'बाहरी तत्वों' के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण उसने हिंसक रूप ले लिया और ऐसे तत्वों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं.