उत्तराखंड में भीषण गर्मी के चलते बढ़ी बिजली की मांग, 5.1 करोड़ यूनिट के साथ डिमांड हाई
Uttarakhand Power Demand: उत्तराखंड में बिजली की पैदावार के हिसाब से बिजली की बढ़ती मांग प्रदेश के लिए इतनी अच्छी बात नहीं है. इस मांग ने सरकार और ऊर्जा निगम के सामने एक नई चुनौती पेश कर दी है.
Uttarakhand Electricity Demand: बढ़ती गर्मी ने उत्तराखंड में बिजली की खपत बढ़ा दी है, जिससे राज्य सरकार बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने जुटी हुई है. पिछले एक दो दिन में मौसम बदलने के बाद प्रदेश में बिजली की खपत कम होने लगी है. प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होने से बिजली की मांग में कुछ कमी देखी गई है.
इससे पूर्व बिजली की भारी मांग के चलते राज्य सरकार इस की पूर्ति के लिए लगातार प्रयास कर रही थी. मौसम के बदलाव के चलते यूपीसीएल को राहत तो मिली है, लेकिन मई के महीने में बिजली की मांग ने ऑल टाइम रिकॉर्ड बना दिया था. पहली बार मई में बिजली की औसत मांग पांच करोड़ यूनिट से ऊपर पहुंची थी.
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची मांग
उत्तराखंड में इस साल भीषण गर्मी के चलते मई का महीना यूपीसीएल के लिए खासा चुनौतीपूर्ण रहा. एक ओर जहां एक दिन में सर्वाधिक 6.2 करोड़ यूनिट तक बिजली की मांग पहुंची तो पूरे महीने में बिजली की औसत मांग भी 5.1 करोड़ यूनिट पहुंच गई थी. यूपीसीएल के इतिहास में यह पहली बार इतनी औसत मांग पहुंची है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
बारिश के कारण बिजली की डिमांट घटी
साल 2018 में मई माह की बिजली की औसत मांग चार करोड़ यूनिट थी, जबकि 2019 में 4.2 करोड़ थी. 2020 में तीन करोड़ थी, 2021 में 3.3 करोड़ थी, 2022 में बड़ के 4.5 करोड़ पहुंची. जबकि साल 2023 में 4.3 करोड़ यूनिट तक पहुंची थी. वहीं इस साल ये बढ़कर 5.1 करोड़ तक पहुंचा है, जिसकी वजह से यूपीसीएल को बिजली आपूर्ति में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा है. हालांकि, पहाड़ में मौसम बदलने के बाद रविवार से बिजली की मांग 6.2 करोड़ यूनिट से गिरकर सीधे 5.8 करोड़ यूनिट पर पहुंच गई है. यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, औसत मांग के सापेक्ष पहली बार औसत उपलब्धता 4.2 करोड़ यूनिट रही है.
मानसून के हिसाब से बढ़ी मांग
उत्तराखंड में बिजली की पैदावार के हिसाब से बिजली की बढ़ती मांग प्रदेश के लिए इतनी अच्छी बात नहीं है. ऐसे में मांग के इस रिकॉर्ड ने सरकार और ऊर्जा निगम के सामने एक नई चुनौती पेश कर दी है. इसके तहत सरकार अब बिजली की जरूरतों की पूर्ति के लिए लांग टर्म प्लान पर काम कर रही है.
शासन स्तर पर एक कमेटी का गठन अपर सचिव की अध्यक्षता में किया गया है. वहीं, यूपीसीएल के स्तर पर भी भविष्य की रणनीति बनाई जा रही है ताकि भविष्य के आने वाली चुनौतियों से लड़ा जा सके. प्रदेश में बढ़ती गर्मी बिजली की बढ़ती मांग का सब से बड़ा कारण है. इस साल मानसून के हिसाब से भी बिजली की मांग बढ़ी है.
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