Rishikesh Karnprayag Rail Project: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना निर्माण से उत्पन्न समस्याओं का लंबे समय से समाधान नहीं हो पाया है. इस वजह से ग्रामीण का गुस्सा रेलवे प्रशासन के खिलाफ फूटा. ग्रामीणों ने बारिश के बीच व्यासी पहुँच कर निर्माणाधीन रेलवे स्टेशन के बाहर जबरदस्त नारेबाजी कर अपना विरोध जताया. साथ ही परियोजना निर्माण कार्य रुकवा दिया. ब्यासी, अटाली, लोयल, लोरसी, कौडियाला और सिंगटाली के ग्रामीणों का साफ कहना था कि वे रेल परियोजना का विरोध में नहीं है, बल्कि ऐसे कार्यों का विरोध कर रहे हैं जिसके कारण गांव के गांव तबाह होते जा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब पानी के स्रोत ही सूख जाएंगे, घर टूट कर बर्बाद हो जाएंगे, तो उनके लिए परियोजना किस काम की रहेगी.
ग्रामीणों ने बताई अपनी समस्या
ग्रामीणों का कहना है कि टनल निर्माण में हैवी ब्लास्टिंग की वजह से लोगों के मकानों पर दरारें पड़ गई हैं. प्राकृतिक पेयजल स्रोत सूख गए हैं. कई परिवारों को मुआवजा नहीं मिला. क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों की मरम्मत नहीं होने से ग्रामीणों, स्कूली बच्चों और मवेशियों को आवाजाही की बड़ी दिक्कतें पैदा हो गई हैं. समस्याओं के निराकरण की मांग ग्रामीण लंबे समय से करते आ रहे हैं, मगर अभी तक रेलवे निर्माण निगम द्वारा इसका कोई समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा.
राजस्व निरीक्षक ने ये कहा
राजस्व निरीक्षक इंद्र मोहन रूपेण ने कहा कि वर्तमान में क्रैक और घर में दरारों के संबंध में जो लोगों द्वारा बताया गया, उसका परीक्षण जल्द ही हमारे द्वारा किया जाएगा. उसके बाद जो भी नीतिगत निर्णय हमारी पॉलिसी के तहत होगा उसमें कार्रवाई की जाएगी. उन्होंन कही कि पानी के स्रोत और जल संरक्षण संबंधित जितनी भी कार्रवाई होगी संबंधित प्रशासन के साथ बातचीत करते हुए उस पर भी उचित कार्रवाई की जाएगी. रास्ते के संबंध में विभिन्न रास्तों का कार्य निर्माणाधीन है. कार्यरत संस्थाओं से समन्वय स्थापित करते हुए उनको एक माह के अंदर पूर्ण कराया जाएगा. साथ ही मुआवजे के संबंध में जिला प्रशासन से वार्ता की जाएगी और जल्द से जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा.
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