Uttarakhand News: उत्तराखंड में सरकार अब पंचायतों को मजबूत करने जा रही हैं. इसके लिए विधानसभा सत्र के दौरान सदन में एक संकल्प लिया गया. जिसके तहत भारत के संविधान की 11वी अनुसूची में वर्णित 29 विषयों यानी ऐसे विषय जो सीधा पंचायतों को प्रभावित करते है या पंचायत इन पर निर्भर हैं. अब पंचायती राज संस्थाओं को सौंपा जाएगा. इससे ग्राम पंचायतों और क्षेत्र और जिला पंचायतों को दूसरी संस्थाओं और विभागों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.


उत्तराखंड की तमाम पंचायत को सरकार मजबूत करने जा रही है इसको लेकर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने एबीपी लाइव से बात करते हुए बताया कि किस तरह से पंचायत को और भी सशक्त बनाने के लिए काम किया जा रहा हैं. उत्तराखंड सरकार के इस संकल्प से ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत में मजबूती आयेगी. साथ ही प्रधान को अपनी पंचायत में कार्य करने के लिए विभागों के अधिकारियों के चक्कर नही काटने पड़ेंगे. 


पंचायत प्रधान लिख सकेंगे सीआर
सबसे बड़ी बात है कि पंचायत प्रधान को अपने प्रधान सचिव की सीआर लिखने की पावर मिल जाएगी. जिससे सचिव की तानाशाही समाप्त होगी और ग्राम पंचायत स्वयं में सशक्त होगी. भारत सरकार की कई ऐसी योजनाएं है जो गांव तक पहुंच ही नहीं पा रही है उनको भी लाभ पंचायतों को मिल पाएगा. गांव के बेरोजगार युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण की जानकारी और योजनाओं का लाभ ग्राम स्तर पर ही मिला पाएगा. उत्तराखंड सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही हैं.


पंचायतों को अधिकार मिलने से बदलेगी गांव की तस्वीर
इन 29 विषयो का अधिकार ग्राम पंचायतों और जिला पंचायतों को मिल जाने से गांव की तस्वीर बदलने की एक उम्मीद जगी है. हालांकि अभी सदन में सिर्फ संकल्प लिया गया हैं. अभी सवाल ये है कि क्या सदन के इस संकल्प को धरातल पर उतारा जाएगा. हालांकि सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने अपने लघु सिंचाई विभाग को सबसे पहले ग्राम पंचायतों को ट्रांसफर करने का फैसला लिया है. अब देखना ये होगा की इन 29 विषयों को कब तक पंचायत राज विभाग को सौंपा जायेगा.


आइए आपको बताते है की वह विषय कौन-कौन से है जो पंचायती राज विभाग को सौंपने का संकल्प लिया गया हैं-
1. कृषि, जिसके अंतर्गत कृषि विस्तार है 
2. भूमि विकास, भूमि सुधार का 
3. लघु सिंचाई, जल प्रबंधन और जल विभाजक क्षेत्र का विकास
कार्यान्वयन, चकबंदी और भूमि संरक्षण 
4. पशुपालन, डेयरी उद्योग और कुक्कुट पालन 
5. मत्स्य उद्योग 
6. सामाजिक वानिकी और फार्म वानिकी 
7. लघु वनोपज 
8. लघु उद्योग, जिनके अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी हैं 
9. खादी, ग्रामोद्योग और कुटीर उद्योग
10. ग्रामीण आवासन 
11. पेयजल 
12. ईंधन और चारा 
13. सड़कें, पुलिया, पुल, फेरी, जलमार्ग और अन्य संचार साधन 
14. ग्रामीण विद्युतीकरण, जिसके अंतर्गत विद्युत का वितरण है 
15. अपारंपरिक ऊर्जा स्रोत 
16. गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम 
17. शिक्षा, जिसके अंतर्गत प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय भी है 
18. तकनीकी प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा 
19. प्रौढ़ और अनौपचारिक शिक्षा 
20. पुस्तकालय 
21. सांस्कृतिक क्रियाकलाप 
22. बाजार और मेले 
23. स्वास्थ्य और स्वच्छता, जिनके अंतर्गत अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और औषधालय भी हैं
24. परिवार कल्याण 
25. महिला और बाल विकास 
26. समाज कल्याण, जिसके अंतर्गत विकलांगों और मानसिक रूप से मंद व्यक्तियों का कल्याण भी है 
27. दुर्बल वर्गों का और विशिष्टतया अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का कल्याण 
28. सार्वजनिक वितरण प्रणाली 
29. सामुदायिक आस्तियों का अनुरक्षण


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