Uttarakhand News: अप्रैल की शुरुआत होते ही तापमान बढ़ने लगा था. तभी से लेकर अब तक भीषण गर्मी का प्रकोप प्रति बढ़ता जा रहा है. भीषण गर्मी के कारण बच्चे हो या बुजुर्ग सभी कई तरह की बीमारियां की चपेट में आ रहें है. ऐसे में सही समय पर ध्यान नहीं दिया जाए तो मरीजों की तबीयत इतनी बिगड़ जा रही है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है.


उत्तराखंड के मैदानी इलाको में गर्मी बढ़ती ही जा रही है. जिसकी चपेट में आने से बच्चे हो या बुर्जुग सभी को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत हैं. क्योंकि गर्मी का प्रकोप बढ़ने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है. जिससे शरीर डिहाइड्रेटेड हो जाता है. गर्मी का प्रकोप बढ़ने से छोटे बच्चों में डिहाइड्रेशन, पेचिश, डायरिया और फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो रहे हैं, जिसके कारण उधम सिंह नगर जिले के सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में सुबह से शाम तक इलाज के लिए परिजन अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं. 


क्या बोलते है बाल रोग विशेषज्ञ
उधम सिंह नगर जिले में वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ आर के दुबे ने बताया कि गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ बच्चों में डिहाइड्रेशन, पेचिश, डायरिया, फूड प्वाइजनिंग और कई अन्य बीमारियां का खतरा बच्चों में बढ़ जाता है. इस साल भीषण गर्मी पड़ने के कारण इन बीमारियों से ज्यादा बच्चे पीड़ित हुए हैं. हम हमेशा ही बीमार बच्चों के परिजनों से अपील करते हैं कि गर्मी के मौसम में बच्चों को कम से कम घर से निकलने दें, ताकि की बच्चें हिट वेव से बच सकें और वो कम बीमार पड़े. 


उन्होंने कहा कि बच्चों को गर्मी से बचने के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थ का सेवन कराएं, ताकि बच्चों में पानी की कमी ना हो पानी की कमी नहीं होने से भी गर्मी के प्रकोप से बच्चों को बचाया जा सकता है. वही नौ महीने से छोटे बच्चों को समय-समय पर मां का स्तनपान करना जरूरी है, ऐसा करने से बच्चों को गर्मी के प्रकोप से बचाया जा सकता है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी लगातार एडवाइजरी जारी कर लोगों को गर्मी के मौसम में बिना की जरूरत काम घर से ना निकलने की सलाह दी जा रही है. 


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