PM Modi Visit to Kedarnath and Badrinath: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के बद्रीनाथ-केदारनाथ (Badrinath And Kedarnath) दौरे को लेकर तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही हैं. उनके केदारनाथ धाम आने की सबसे बड़ी वजह सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम (Sonprayag to Kedarnath) के लिए निर्माण किये जाने वाली रोप-वे बताई जा रही है. पीएम मोदी केदारनाथ धाम पहुंचकर रोप-वे योजना का शिलान्यास करेंगे. साथ ही देश-विदेश तक ये संदेश पहुंचाने का प्रयास करेंगे कि वे आपदा के बाद केदारनाथ धाम के चहुंमुखी विकास को लेकर कृत संकल्पित हैं.
केदारनाथ में रोप वे योजना का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 अक्टूबर को ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदार के धाम पहुंच रहे हैं. सुबह साढ़े आठ बजे पीएम मोदी केदारनाथ धाम पहुंचेंगे. जहां पहुंचकर सबसे पहले वे केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना के साथ महाभिषेक करेंगे. इसके अलावा पीएम मोदी के केदारनाथ आने की सबसे बड़ी वजह सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोप-वे योजना का शिलान्यास करने की बताई जा रही है. पीएम मोदी चाहते हैं कि वे स्वयं केदारनाथ पहुंचकर इस महत्वकांक्षी परियोजना की नीव रखें और देश-विदेश में यह संदेश दें कि आपदा के बाद केदारपुरी में विभिन्न तरह के विकास कार्य किये जा रहे हैं.
वर्तमान में केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा गौरीकुंड से शुरू होती है, जो 18 किमी की है. इस पैदल मार्ग से घोड़े-खच्चरों के साथ डंडी-कंडी व पालकी के सहारे तीर्थयात्री यात्रा की जाती है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या तीर्थयात्रियों को घोड़े-खच्चरों में होती है. घोड़े-खच्चरों की लीद के कारण पैदल मार्ग पर हादसे होते रहते हैं, जबकि यात्रा के शुरुआत में बड़े-बड़े ग्लेशियरों से होकर गुजरना पड़ता है. इसके साथ ही मानसून सीजन में भारी बारिश होने पर गदेरे उफान पर रहते हैं, जिन पर सफर करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में काफी लम्बे समय से केदारनाथ में रोप-वे निर्माण की मांग की जा रही थी, जिसकी नीव रखने स्वयं पीएम मोदी 21 अक्टूबर को धाम पहुंच रहे हैं.
पीएम मोदी के दौरे को लेकर तैयारियां तेज
प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर केदारनाथ धाम में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और अन्य तमाम व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया जा रहा है. पीएम मोदी के बद्री-केदार आगमन को लेकर शासन-प्रशासन और पुलिस तंत्र पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है. पीएम केदारनाथ पहुंचकर रोप-वे योजना का शिलान्यास करेंगे. इस परियोजना के निर्माण के बाद जहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलेगी, वहीं रोजगार भी बढ़ेगा. साथ ही तीर्थयात्रियों की संख्या में भी इजाफा होगा. इस परियोजना को राष्ट्रीय वन्य जंतु बोर्ड से मंजूरी मिल गई है. परियोजना पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसके लिए कुल 26 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी.