Uttarakhand News: ब्रह्मकमल टोपी डिजाइन करने वाले समीर शुक्ला को CM धामी ने किया सम्मानित, जानें- क्या है इसकी खासियत?
Uttarakhand News: समीर शुक्ला का कहना है कि उत्तराखंड में सर्वमान्य टोपी नहीं थी. हर क्षेत्र में अलग-अलग टोपियां पहनी जा रही हैं. विचार आया कि एक ऐसी टोपी होनी चाहिए जिससे उत्तराखंड की पहचान हो.
Uttarakhand News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस बार गणतंत्र दिवस पर ब्रह्मकमल टोपी पहनी, जिसके बाद यह टोपी चचार्ओं में आ गई. इसके साथ ही इस टोपी को डिजाइन करने वाले समीर शुक्ला भी चचार्ओं में आ गए. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami)ने समीर शुक्ला को सम्मानित किया है. समीर शुक्ला मसूरी में सोहम हिमालयन सेंटर के संचालक हैं. उन्होंने वर्ष 2017 में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर नौ नवंबर को इस टोपी को लाॉन्च किया था.
क्या कहना है समीर का
समीर शुक्ला का कहना है कि उत्तराखंड में सर्वमान्य टोपी नहीं थी. हर क्षेत्र में अलग-अलग टोपियां पहनी जा रही हैं. ऐसे में उन्हें विचार आया कि एक ऐसी टोपी होनी चाहिए जिससे उत्तराखंड की पहचान हो. इसलिए उन्होंने ऐसी टोपी डिजाइन की जिसमें परंपरा है ही, साथ ही आधुनिकता का पुट लिए हुए हो. ब्रह्मकमल टोपी कई रंगों में तैयार की गई है. समीर शुक्ला बताते हैं कि यह टोपी मसूरी के दर्जी जगतदास ने बनाई है. चूंकि केदारनाथ में पूजा ब्रह्कमल से होती है और यह यहां का राज्यपुष्प भी है. इन्हीं दो विशेषताओं को देखते हुए इसे ब्रह्मकमल पहाड़ी टोपी नाम दिया है.
ब्रह्मकमल क्या है
ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राज्य पुष्प है. इसे देवपुष्प कहा जाता है. इस फूल से केदारनाथ धाम में पूजा संपन्न होती है. यह पुष्प 11 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में बहुतायत में पाया जाता है. इस पुष्प के नाम पर ही ब्रह्मकमल टोपी का नामकरण किया गया है. इस पुष्प (ब्रह्मकमल) का वैज्ञानिक नाम सोसेरिया ओबोवेलाटा है. यह ब्रह्मकमल पुष्प 15 से 50 सेमी ऊंचे पौधों पर वर्ष में केवल एक ही बार खिलता है, वह भी सूर्यास्त के बाद. यह फूल मध्य रात्रि के बाद अपने पूरे यौवन पर होता है.
ये भी पढ़ें:
Jabalpur News: पिता की डांट से नाराज बेटी ने जहर खाकर दी जान, जानें क्या है पूरा मामला