Bageshwar Bear News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में जानवरों का अवैध शिकार अभी भी जारी है. राज्य के बागेश्वर में एसओजी और वन विभाग की टीम ने 340.62 ग्राम भालू की तीन पित्त की थैली बरामद की है. साथ ही तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जिसकी अनुमानित कीमत 35 लाख रुपये बताई जा रही है. आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की तैयारी की जा रही है. पुलिस अधीक्षक अक्षय पहलाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि जिले में वन्य जीव जंतु की बिक्री और उनके अवशेषों की बिक्री की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने अपना जाल बिछाया और तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.
सोमवार को बागेश्वर एसओजी और वन विभाग की टीम के संयुक्त ऑपरेशन में कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत चेकिंग के दौरान तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से भालू की तीन पित्त बरामद हुई है. इन आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. इनसे पूछताछ की जा रही है कि भालुओं की 3 पित्त उनके पास कहां से आई.
उत्तराखंड में खतरे में भालू का अस्तित्व
बता दें भालू के पित्त अपने आप में बेशकीमती होती है और तमाम तरह की दवाइयों में इस्तेमाल की जाती है. भालू के अवैध शिकार से उत्तराखंड में उसका अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ है, जिसको बचाने के लिए राज्य सरकार और वन महकमा लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन इस प्रकार के मामले सामने आने से यह साबित होता है कि वन विभाग की लापरवाही आज भी जानवरों की जान ले रही है.
बाघों के अवैध शिकार को लेकर भी हाई अलर्ट
गौरतलब है कि हाल ही में बाघों के अवैध शिकार के संबंध में वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो को प्राप्त कुछ सूचनाओं के आधार पर उत्तराखंड में बाघ अभयारण्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया था. देशभर में स्थित बाघ अभ्यारण्यों में मानसून के मौसम के दौरान वन्यजीवों के अवैध शिकार की घटनाएं बढ़ गई हैं. इस संबंध में डब्ल्यूसीसीबी के अतिरिक्त निदेशक एच वी गिरिशा ने रेड अलर्ट जारी किया था. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडे और राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने केंद्रीय एजेंसी की ओर स जारी रेड अलर्ट की पुष्टि की.
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