Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में नगरीय निकाय चुनाव (Municipal Elections) को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने हैं. कांग्रेस ने पुष्कर सिंह धामी सरकार पर आरोप लगाया है कि बीजेपी हार के डर से निकाय चुनाव कराने से भाग रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि बागेश्वर में बीजेपी ने पूरा जोर लगा दिया था. तब जाकर बीजेपी को कम अंतर से जीत मिली थी. जिसे जीत नहीं हार माना जाएगा.
बीजेपी को सता रहा हार का डर- कांग्रेस
कांग्रेस नेता करण मेहरा ने निकाय चुनाव न कराने को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को बागेश्वर चुनाव में अपना हश्र दिखाई दिया था. जहां उन्हें पूरी सरकार के जोर लगाने के बाद भी मात्र 2000 वोटों से जीत मिली थी. जिसे जीत नहीं, हार माना जाएगा क्योंकि इससे पहले बागेश्वर में यही सीट 12000 वोटों से जीती गई थी. इस चुनाव परिणाम के बाद उत्तराखंड सरकार घबराई हुई है. यही वजह है कि सरकार निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती.
कांग्रेस बौखला गई है- महेंद्र भट्ट
बीजेपी नेता महेंद्र भट्ट का कहना है कि सरकार निकाय चुनाव के लिए हमेशा से तैयार है. बीजेपी हमेशा चुनावी मूड में रहने वाली पार्टी है. हम अपने कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देते रहते हैं. कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि हमें किसी भी चुनाव से कोई डर नहीं है. इसका सबूत बागेश्वर चुनाव है जिसे हमने मजबूती से जीता है. कांग्रेस बौखलाई हुई है इसलिए इस प्रकार की बातें कर रही है.
दिसंबर में समाप्त हो रहा निकाय कार्यकाल
दिसंबर माह में नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसके बाद सरकार इन सभी नगर निगम में और नगर निकाय में प्रशासक बैठा सकती है. फिलहाल सरकार का कहना है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर नगर निकाय चुनाव की तैयारी की जा रही है. अभी ओबीसी सर्वे चल रहा है जिसकी रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है. यहां तक कि हरिद्वार और शिवालिक नगर की रिपोर्ट भी सामने नहीं आ पाई है. इन दोनों का ही सीमा विस्तार होना है जबकि चमोली, रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी और टिहरी की अभी जनसुनवाई चल रही है. अभी इनकी रिपोर्ट भी सामने नहीं आ पाई है.
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