धामी सरकार के तीन साल: धर्मांतरण कानून से लेकर लैंड जिहाद और अवैध मदरसों पर कसा शिकंजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में साफ कहा कि उनकी सरकार देवभूमि में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेगी

Uttarakhand News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार ने अपने तीन साल पूरे कर लिए हैं. इस अवधि में सरकार ने हिंदुत्व एजेंडे को सख्ती से लागू करते हुए कई अहम फैसले लिए. धर्मांतरण कानून को सख्त बनाने, लैंड जिहाद और लव जिहाद पर प्रहार करने के साथ ही अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ अभियान चलाया. धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने चारधाम यात्रा, मानसखंड मंदिर माला मिशन और नए धार्मिक कॉरिडोर निर्माण पर जोर दिया.
शनिवार को मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में साफ कहा कि उनकी सरकार देवभूमि में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेगी और इनके खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा. सरकार के इन फैसलों ने प्रदेश में हिंदुत्व एजेंडे को और मजबूती प्रदान की है.
मुख्यमंत्री धामी ने अपने कार्यकाल में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए कानून में संशोधन कर उसे और कठोर बनाया. राज्य में अब बहला-फुसलाकर या जबरन धर्मांतरण कराए जाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन अधिनियम, 2022 को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया गया. इसके तहत जबरन धर्मांतरण कराने वाले दोषियों को कठोर सजा का प्रावधान किया गया है.
धामी सरकार ने धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सतर्कता बढ़ाई और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की. इस कानून को सरकार ने उत्तराखंड को धर्मांतरण मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया.
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धामी सरकार ने लैंड जिहाद के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया. सरकारी और वन भूमि पर बने अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करने का अभियान तेज कर दिया गया. इस अभियान के तहत बड़ी संख्या में अवैध मजारों को हटाया गया, जिनमें अधिकांश राजस्व और वन भूमि पर बनी थीं.
अब तक सैकड़ों हेक्टेयर भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराया जा चुका है. हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जैसे जिलों में इस अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की गई. सरकार ने स्पष्ट किया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक प्रदेश को अवैध कब्जों से मुक्त नहीं कर दिया जाता
धामी सरकार ने अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए. सत्यापन अभियान के तहत प्रदेशभर में 132 अवैध मदरसों को सील किया गया. शनिवार को ही हरिद्वार में एक दिन में 13 अवैध मदरसों को सील किया गया, जिससे सरकार की कार्रवाई का रुख और स्पष्ट हो गया.
धामी सरकार का कहना है कि मदरसों का सत्यापन अभियान लगातार जारी रहेगा और अवैध रूप से संचालित मदरसों को बंद किया जाएगा. सरकार का दावा है कि अवैध मदरसों में कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जा रहा था, जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाए गए.
मुख्यमंत्री धामी ने अपने कार्यकाल में धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई तक पहुंचाने का प्रयास किया. चारधाम यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने यात्रा मार्गों पर अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार किया.
इसके अलावा सरकार ने कुमाऊं मंडल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन की शुरुआत की. इस मिशन के तहत कुमाऊं के प्रमुख मंदिरों को एक सर्किट से जोड़ा जाएगा और इसका प्रचार राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस मिशन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड आकर इसे समर्थन दिया था.
सरकार ने बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर परिसरों को दिव्य और भव्य रूप देने के लिए व्यापक विकास कार्य किए. केंद्र सरकार के सहयोग से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है. इसके अलावा प्रदेश सरकार यमुनोत्री धाम में भी रोपवे बनाने की योजना पर काम कर रही है.
धामी सरकार ने चारधाम यात्रा के साथ-साथ कांवड़ यात्रा को भी प्राथमिकता दी. कांवड़ यात्रा के दौरान विशेष व्यवस्थाएं की गईं, जिससे लाखों शिव भक्तों को सुगम यात्रा का अनुभव मिला.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने 12 वर्षों में होने वाली नंदा राज जात यात्रा को भव्य रूप से मनाने का संकल्प लिया है. यह यात्रा 2026 में आयोजित होगी, जिसके लिए धामी सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू करने का निर्देश दिया है.
अर्द्ध कुंभ मेले पर प्लान बना रही धामी सरकार
धामी सरकार ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तीन नए धार्मिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा की. गंगा तट पर सुविधाओं का विस्तार कर इसे धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. योग नगरी ऋषिकेश में तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा.
पूर्णागिरी मंदिर जाने वाले मार्ग को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर श्रद्धालुओं के लिए सुगम बनाया जाएगा.
उत्तराखंड सरकार ने 2027 में होने वाले अर्द्ध कुंभ मेले को भव्य और दिव्य बनाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2021 में कुंभ मेला कोरोना महामारी के कारण प्रभावित रहा था, लेकिन इस बार अर्द्ध कुंभ को दिव्य और भव्य रूप में आयोजित किया जाएगा.
धामी सरकार ने 25 मार्च को सचिवालय में बैठक बुलाकर अर्द्ध कुंभ की तैयारियों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है. इसके लिए अब से ही अवस्थापना विकास और व्यवस्थाओं पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
पुष्कर सिंह धामी सरकार के तीन साल हिंदुत्व एजेंडे को धार देने वाले रहे हैं. धर्मांतरण पर सख्त कानून, लैंड जिहाद और अवैध मदरसों के खिलाफ सख्ती, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंदिर सर्किट और धार्मिक कॉरिडोर का विकास सरकार की प्राथमिकता में रहा. इसके अलावा अर्द्ध कुंभ को भव्य बनाने की तैयारी सरकार के आगामी लक्ष्यों में शामिल है. धामी सरकार ने इन तीन वर्षों में उत्तराखंड को हिंदू आस्था का केंद्र बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो आने वाले समय में प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करेंगे.
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