Uttarakhand Pollution: उत्तराखंड में प्रदूषण नियंत्रण के लिए इस साल पहली बार ड्रोन का उपयोग करते हुए देहरादून और काशीपुर में पानी का छिड़काव किया गया. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) ने दिवाली के मौसम में बढ़ते प्रदूषण और धूल के कणों को नियंत्रित करने के लिए इस अभिनव प्रयास की शुरुआत की है. पीसीबी का दावा है कि राज्य में यह पहली बार है कि ड्रोन के माध्यम से वातावरण में पानी का छिड़काव किया गया है. इस छिड़काव का मुख्य उद्देश्य एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार लाना है ताकि लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें.


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, डॉ. पराग मधुकर धकाते के अनुसार, देहरादून और काशीपुर में विभिन्न स्थानों पर ड्रोन के जरिए पानी का छिड़काव किया गया, जिसमें एक बार में ड्रोन द्वारा 11 लीटर पानी का छिड़काव किया जा सकता है. देहरादून के आईएसबीटी, दिलाराम चौक, राजपुर, जोगीवाला, नेहरू कॉलोनी और बंगाली कोठी जैसे प्रदूषण प्रभावित क्षेत्रों में हर दो घंटे के अंतराल पर पानी का छिड़काव किया गया. काशीपुर में भी इसी प्रकार राजकीय अस्पताल और छतरी चौक में सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक पानी का छिड़काव किया गया. पीसीबी के अनुसार, यह छिड़काव कार्यक्रम ऋषिकेश में भी किया जाएगा ताकि वहां की वायु गुणवत्ता में भी सुधार हो सके.


बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लिया फैसला 
उत्तराखंड के प्रमुख शहरों में प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए पीसीबी ने 24 अक्टूबर से देहरादून, ऋषिकेश, काशीपुर, टिहरी, रुद्रपुर, हल्द्वानी और नैनीताल में हवा और ध्वनि की गुणवत्ता की निगरानी शुरू कर दी है. यह कदम दिवाली के आसपास बढ़ने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है, क्योंकि इस मौसम में पटाखों और धूल के कारण वायु की गुणवत्ता में गिरावट देखने को मिलती है. प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए पीसीबी ने पहली बार ड्रोन से छिड़काव का तरीका अपनाया है.


वायु गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास न केवल लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, बल्कि पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में भी सहायक होता है. स्वच्छ हवा के कारण श्वसन तंत्र और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है, जिससे जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हो सकती है. इसके अतिरिक्त, प्रदूषण नियंत्रण के कारण पेड़-पौधे, जल स्रोत और मिट्टी भी कम प्रदूषित होते हैं, जिससे पारिस्थितिक संतुलन बना रहता है.


हवा में धूल के कणों को करेगा कम
ड्रोन से पानी के छिड़काव की इस पहल से हवा में मौजूद धूल कणों को नियंत्रित करने में सफलता मिली है, जिससे एक्यूआई में भी सुधार आया है. इस तकनीक के माध्यम से शहरों में उन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया गया जहां प्रदूषण का स्तर अधिक पाया गया था. पानी का छिड़काव नियमित अंतराल पर किया गया ताकि वातावरण में मौजूद डस्ट पार्टिकल्स को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके.


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