Uttarakhand News: देहरादून नगर निगम (Dehradun Municipal Corporation) की बैठक में इस बार कई ऐसे फैसले होने जा रहे हैं जिससे जनता का भार बढ़ जाएगा. बोर्ड बैठक में इस बार कूड़ा उठाने के चार्ज को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही अन्य कई टैक्स (Tax) में बढ़ोतरी के प्रस्ताव आए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं पर प्रॉपर्टी म्यूटेशन चार्ज (Property Mutation Charge) पर पड़ेगा. क्योंकि यह शुल्क 150 से बढ़ाकर सीधे 5000 रुपये करने की तैयारी है. 


नगर निगम की बैठक में हंगामे के आसार
देहरादून नगर निगम की बोर्ड बैठक 4 महीने बाद शुक्रवार को होने जा रही है. इसे बैठक में हंगामे के पूरे आसार हैं क्योंकि इस बार बोर्ड बैठक में कई ऐसे प्रस्ताव आने जा रहे हैं जिस पर कांग्रेस और बीजेपी के पार्षद विरोध करेंगे. ये बात पार्षदों ने अभी से ही कह दी है. शहर की साफ सफाई, स्ट्रीट लाइट और कूड़ा उठान प्रक्रिया को लेकर पार्षद पहले से ही नाराज हैं पर इस बार बोर्ड बैठक में कई टैक्स भी बढ़ाया जा सकते हैं. माना जा रहा है कि प्रॉपर्टी म्यूटेशन चार्ज को  150 रुपए से बढ़ाकर सीधे 5000 रुपये करने की तैयारी है. इसका ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है. यही नहीं डोर टू डोर कूड़ा उठान के लिए लिया जाने वाला मासिक यूजर चार्ज 50 से बढ़ाकर 75 रुपये किया जा सकता है. पार्षदों का साफ कहना है कि निगम को कोई ऐसा रास्ता निकालना चाहिए जिससे जनता पर ज्यादा भार ना पड़े.


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आम जनता पर बढ़ सकता बोझ
नगर निगम बोर्ड बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा मासिक यूजर चार्जेस बढ़ाने और म्यूटेशन शुल्क बढ़ोतरी का है. भवन कर अनुभाग की ओर से म्यूटेशन का शुल्क वर्तमान में डेढ़ सौ रुपए लिया जा रहा है लेकिन निगम के अधिकारियों के हिसाब से ये बहुत कम है, क्योंकि इसकी वसूली में निगम का इससे ज्यादा खर्चा आ जाता है ऐसे में यह धनराशि 5000 करने का प्रस्ताव दिया गया है. हालांकि इसमें कई कैटेगरी निर्धारित की जाएंगी, लेकिन ये रेट बढ़ जाते हैं तो इससे जनता को अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा.


मेयर सुनील उनियाल  का कहना है कि अभी ये प्रस्ताव तैयार किया गया है और बोर्ड बैठक में इसको लाया जाएगा. सभी पार्षदों की सहमति बनी तो इसे लागू कर दिया जाएगा. 


नए प्रस्तावों को लेकर पार्षदों में नाराजगी


अगले साल नगर निगम में चुनाव भी होने हैं ऐसे में सभी पार्षद खासे परेशान हैं कि जनता को क्या जवाब दिया देंगे. उधर यूजर चार्जेस  बढ़ाने और भुगतान वक्त पर न करने से साफ सफाई का काम देख रही कंपनियों ने भी काम छोड़ने का निगम को नोटिस थमा दिया है. अगर इस बार बोर्ड बैठक में कई टैक्स बढ़ जाते हैं तो पार्षदों को चुनावों में दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं.  


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