Uttarakhand News: उत्तराखंड की बेटी प्रतिभा की संघर्ष भरी है कहानी, 2 बच्चे और 41 की उम्र में जीता है गोल्ड
Dehradun News: प्रतिभा थपलियाल ने बताया कि पहले वो बॉडी बिल्डिंग के लिए इस तरह के कपड़े पहनने के लिए सहज नहीं थी, लेकिन पति ने उनका सपोर्ट किया. वो हर रोज सात घंटे जिम में बिताती हैं.
Dehradun News: उत्तराखंड (Uttarakhand) की एक बेटी ने 41 साल की उम्र में राज्य को गोल्ड मेडल दिलाकर प्रदेश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. प्रतिभा थपलियाल ने अपनी ऐसी प्रतिभा दिखाई की राज्य को पहली बार महिला बॉडी बिल्डिंग नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मिला है, लेकिन इसके पीछे की कहानी इससे भी ज्यादा दिलचस्प है. प्रतिभा थपलियाल 41 वर्ष की हैं, उनके दो बच्चे हैं. घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ खुद को नेशनल चैंपियनशिप के लिए तैयार करना आसान नहीं होता है, इतना ही नहीं कई बार फाइनेंशियल दिक्कतें भी आई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
घर की जिम्मेदारी के साथ जीता गोल्ड मेडल
प्रतिभा पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली हैं, उन्होंने मध्यप्रदेश के रतलाम में हुई 13वीं नेशनल सीनियर महिला बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता है. प्रतिभा ने पहली बार इस चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और गोल्ड जीत कर राज्य का नाम रोशन किया है. इससे पहले पिछले साल प्रतिभा थपलियाल ने पहली बार बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था, सिक्किम में ये प्रतियोगिता हुई थी जिसमें वो चौथे स्थान पर रही थी.
प्रतिभा ने खुद बताया कि पहले वो बॉडी बिल्डिंग के लिए इस तरह के कपड़े पहनने के लिए सहज नहीं थी, लेकिन पति ने उनको पूरा सपोर्ट किया. वो हर रोज सात घंटे जिम में बिताती हैं और साथ ही परिवार का भी ध्यान रखती हैं. यही वजह रही कि इस साल उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से लक्ष्य हासिल कर दिखाया.
प्रतिभा के पति का उनको पारिवारिक सपोर्ट तो रहा ही साथ ही वो उनके कोच भी हैं. उन्होंने ही उनको मोटिवेट किया है. उनके पति भूपेश थपलियाल कहते हैं कि ये गोल्ड प्रदेश के लिए था लेकिन अब वो चाहते हैं कि प्रतिभा देश के लिए खेलें, लेकिन इसके लिए फाइनेंशियल कंडीशन इतनी ठीक नहीं है, ऐसे में सरकार से भी उन्होंने आर्थिक मदद की बात कही है. आम तौर पर परिवार के लोग भी महिलाओं को बॉडी बिल्डिंग जैसे खेलों में भेजने से हिचकिचाते हैं, लेकिन प्रतिभा की ये कहानी बताती है कि मेहनत और जुनून से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है और किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पुरूषों से पीछे नहीं हैं.
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