Uttarakhand News: उत्तराखंड के धनौल्टी (Dhanaulti) में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा (Labor Pain) में सड़क तक पहुंचने के लिए 6 किमी तक पैदल चलकर जाना पड़ा. ये घटना यहां के राजस्व गांव लग्गा गोठ की है. जहां रात के रात के घनघोर अंधेरे में ये महिला कराहती हुई पैदल चलते हुए सड़क तक पहुंची, जिसके बाद धनौल्टी से टैक्सी लेकर उसे मसूरी के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने सकुशल बच्चे को जन्म दिया. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. लेकिन इस घटना के बाद उत्तराखंड सरकार के विकास के तमाम दावों पर प्रश्नचिन्ह लग गया है.


प्रसव पीड़ा में 6 किमी पैदल चली गर्भवती


ग्राम पंचायत धनौल्टी के लग्गा गोठ गांव की अंजू देवी को 22 जून की रात प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन गांव सड़क से करीब ढाई किलोमीटर दूरी पर है, गांव में घोड़ा खच्चर की भी कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में प्रसव पीड़ा से तड़पती अंजू देवी को पति ने परिजनों के साथ मिलकर टॉर्च के सहारे घने जंगल से होते हुए 6 किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया. परिजनों ने बताया कि पेट मे बच्चा होने की वजह से उसे उठाकर भी नहीं ले जाया जा सकता था. किसी तरह पहाड़ी रास्ते को पार करते हुए अंजू धनौल्टी तक पहुंची जहां से परिवार ने टैक्सी ली और फिर उसे मसूरी के अस्पताल लेकर गए. 23 जून को महिला ने बेटे को जन्म दिया. राहत की बात ये है कि जच्चा बच्चा दोनों स्वास्थ्य है.

परिजनों का कहना है कि गांव के लोग कई बार अधिकारियों और नेताओं से गांव को सड़क से जोड़ने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक उनका गांव सड़क से नहीं जुड़ पाया है. उनके गांव में 250 से ज्यादा लोग रहते हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.


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सीएमओ ने कही ये बात


वहीं इस मामला पर सीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से गर्भवती महिला का चैकअप समय से किया जा रहा था और 26 जून को मसूरी अस्पताल में महिला की डिलिवरी भी हुई है. उनके गांव में सड़क नही होने से गर्भवती महिला को पैदल चलना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गर्भवती महिला को जो सुविधा दी जाती है वो सब दी गई है. 


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