देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच जेल प्रशासन ने भी पूरी तैयारियां कर ली हैं. कोई भी नया बंदी बिना कोरोना टेस्ट के जेल में नहीं रखा जा रहा है. कोरोना टेस्ट के बाद भी सात दिनों का क्वारंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद बंदियों को जेल भेजा जा रहा है.
अलग रहने की व्यवस्था
कोरोना संक्रमण अन्य कैदियों में न फैले इसके लिए जेलों में एहतियात बरता जा रहा है. बिना कोरोना टेस्ट के बंदी जेल में नहीं रखे जाएंगे. साथ ही बैरक में जाने से पहले सात दिनों के लिए क्वारंटाइन पीरियड में कैदियों को रहना होगा. इसके लिए जेल में अलग से कैदियों की रहने की व्यवस्था की गई है.
नियमों का पालन किया जा रहा है
जेल अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जेल परिसर में सभी नियमों का पालन किया जा रहा है. तारीखों पर जाने वाले बंदियों की भी वापसी पर प्रॉपर सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. साथ ही नए बंदियों की RTPCR रिपोर्ट किए जाने के बाद भी क्वारंटाइन कर उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखा जा रहा है.
बढ़ रहा है संक्रमण
गौरतलब है कि, कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर बढ़ रही है. पिछले साल सितंबर में कोरोना के सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे थे. अब कोरोना की दूसरी लहर में पिछली बार से भी ज्यादा खतरनाक है. इस साल अप्रैल में पहली बार एक लाख से ज्यादा रोजाना केस आ रहे हैं. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. पंजाब में भी पिछला रिकॉर्ड टूटने वाला है.
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