Uttarakhand: गुजरात के मोरबी हादसे के बाद उत्तराखंड में PWD सतर्क, सभी पुलों की रिपोर्ट बनाने के निर्दश
उत्तराखंड में ऋषिकेश सहित कुछ स्थानों पर झूलते हुए पुल यानी केबल वाले ब्रिज मौजूद हैं. इन पुलों की निगरानी को लेकर विभाग सतर्क हो गया है. फिलहाल इनपर केवल पैदल आवाजाही की इजाजत है.
Uttarakhand News: गुजरात के मोरबी (Morbi) में पुल हादसे में 100 से अधिक लोगों को मौत के बाद उत्तराखंड में भी लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) सतर्क हो गया है. विभाग के प्रमुख सचिव आर के सुधांशु ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्होंने चीफ इंजीनियर को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी ब्रिज और वैली ब्रिज (Valley Bridge) को लेकर रिपोर्ट तैयार कर उन्हें सौंपें.
लोगों की मांग बावजूद इस पुल पर आवागमन की इजाजत नहीं
आर के सुधांशु ने बताया कि ऋषिकेश के नजदीक एक पुल पर संचालन और आवागमन रोका गया था. लोग इसे खोलने का दबाव बना रहे हैं लेकिन जनहित में अभी इसे दोबारा शुरू करने को लेकर फैसला नहीं किया गया है. इसे आवागमन के लिए बंद ही रखा गया है. प्रमुख सचिव के मुताबिक विभाग के इंजीनियर से प्रदेश में ऐसे पुलों की भी रिपोर्ट मांगी गई है जिन्हें 'बी' से 'ए'कैटिगरी में बदला जाना है. इस श्रेणी में लाए जाने के बाद पुलों की वहन करने की क्षमता बढ़ाई जाएगी. आर के सुधांशु के मुताबिक रिपोर्ट के आधार पर जल्द बैठक करते हुए पुलों की क्षमता बढ़ाने पर भी फैसला किया जाएगा.
झूला पुलों पर नहीं वाहन की इजाजत
प्रमुख सचिव ने बताया कि विभाग द्वारा पहले से ही इस दिशा में काम किया जा रहा है. अभी तक तकरीबन 400 से ज्यादा ऐसे पुल हैं जिनको 'ए' कैटिगरी में बदला जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में झूला पुलों को लेकर कहा कि विभाग ऐसे पुलों के निरीक्षण के लिए तैयार कर रहा है. उत्तराखंड में जितने भी झूला पुल हैं उनमें सिर्फ पैदल ही आवाजाही होती है और उनपर वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी गई है.
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