Dehradun News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड (Uttarakhand) आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के साथ किसी प्रकार की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जायेगी और यदि एक भी यात्री को परेशानी हुई तो प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते उन्हें भी परेशानी होगी. चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को कोई परेशानी ना हो और उन्हें हर संभव सुविधा मिले.


सीएम ने कहा कि यह सभी की जिम्मेदारी है कि श्रद्धालु और पर्यटक देवभूमि उत्तराखंड से अच्छी छवि लेकर जाएं. उन्होंने कहा, ''श्रद्धालुओं और पर्यटकों के प्रति किसी प्रकार की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जायेगी. राज्य में यदि एक भी यात्री को परेशानी होगी तो प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते मुझे परेशानी होगी.''


पर्यटन स्थलों पर जाने वाले यात्रियों को भी कोई परेशानी न हो- धामी


मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े रूद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि दिशानिर्देशों के अनुसार श्रद्धालु दर्शन कर सकें और पर्यटन स्थलों पर जाने वाले यात्रियों को भी कोई परेशानी न हो. धामी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से भी अपील की कि पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद केवल वे ही लोग चारधाम यात्रा पर आएं जिन्हें अनुमति मिली है.


गौरतलब है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर कोविड-19 के मद्देनजर चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन करने वाले यात्रियों की अधिकतम संख्या निर्धारित की गयी है. 18 सितंबर से शुरू हुई चारधाम यात्रा के तहत चमोली जिले के बदरीनाथ धाम में जहां प्रतिदिन अधिकतम 1000 श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं वहीं रूद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ के लिए यह संख्या 800, उत्तरकाशी में स्थित गंगोत्री के लिए 600 और यमुनोत्री के लिए 400 है.


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