Crash Barrier on Uttarakhand Roads: उत्तराखंड में सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. बीते कुछ दिनों पहले सड़क हादसे में उत्तरखंड वन विभाग के 6 कर्मचारियों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद उत्तराखंड शासन में हड़कंप मच गया था. उत्तराखंड शासन ने इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कमर कस लिया है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने ऐसी सड़कों को चिन्हित किया, जहां अक्सर सड़क हादसे हो रहे हैं. 


दरअसल, उत्तराखंड में पहाड़ी सड़कें बहुत ही घुमावदार और संकरी होती है, जिस पर आए दिन सड़क हादसे होते हैं. इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने 3720 किलोमीटर लंबी सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने का निर्णय लिया है. लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे ने विभाग से क्रैश बैरियर लगाने और अन्य सुरक्षा के इंतजाम करने के लिए तत्काल प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा है, जिससे इसके लिए बजट आवंटित किया जा सके.


क्रैश बैरियर से सड़क हादसों होगी कमी?
लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि यह कार्य अगले 2 साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा, "हादसों को रोकने के लिए लगातार विभाग क्रैश बैरियर लगा रहा है. सभी जिलों से क्रैश बैरियर के प्रस्ताव मांगे गए हैं. जनवरी अंत तक विभागों को बजट उपलब्ध कराए जाने की योजना है." गौरतलब है कि उत्तराखंड में सड़कें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सीमा सड़क संगठन और लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत संचालित होती हैं. फिलहाल राज्य में कुल 7688.16 किलोमीटर लंबी सड़कों पर क्रैश बैरियर और पैराफिट लगाने की जरूरत है.


सीएम धामी ने सड़क हादसों पर जताई नाराजगी
प्रदेश में अब तक 3666.77 किलोमीटर लंबी सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं और 4021.39 किलोमीटर लंबी सड़क पर क्रैश बैरियर लगाए जाना बाकी है. इसमें से 3720 किलोमीटर हिस्सा लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है. उम्मीद जताई जा रही है कि क्रैश बैरियर लगने के बाद प्रदेश में सड़क हादसों में कमी आएगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐसी घटनाओं को लेकर बेहद नाराज थे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाया जाए. जिसके बाद शासन ने हादसों पर लगाम लगाने के लिए यह तरीका निकाला है. 


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