उत्तराखंड में 14 महिलाओं को दी राफ्टिंग की ट्रेनिंग, पर्यटन स्थलों पर गाइड का करेंगी काम
Uttarakhand News: राज्य के पर्यटन विभाग ने 14 महिलाओं को वाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया है, महिलाएं गंगा की लहरों पर पर्यटकों को रोमांचक राफ्टिंग का अनुभव कराने के लिए तैयार हैं.
Dehradu News: उत्तराखंड की बेटियों ने एक और नया कीर्तिमान स्थापित किया है. राज्य के पर्यटन विभाग ने 14 महिलाओं को वाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया है, जिसके बाद ये महिलाएं अब गंगा की लहरों पर पर्यटकों को रोमांचक राफ्टिंग का अनुभव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. तीन महीने के इस प्रशिक्षण के बाद इन महिलाओं को प्रोफेशनल राफ्टिंग गाइड के रूप में पंजीकृत किया जाएगा. इसके बाद वे ऋषिकेश और अन्य पर्यटन स्थलों पर बतौर राफ्टिंग गाइड काम कर सकेंगी.
ऋषिकेश हाल के वर्षों में राफ्टिंग के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है. यहां हर साल लाखों पर्यटक गंगा नदी में राफ्टिंग का रोमांचक अनुभव लेने आते हैं. अब तक इस क्षेत्र में गाइड के रूप में केवल पुरुष ही कार्यरत थे, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहली बार महिलाओं को भी इस क्षेत्र में शामिल किया गया है. अप्रैल से जून 2023 के बीच उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने चुनिंदा 14 महिलाओं को तीन महीने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया. इस प्रशिक्षण के दौरान उनके रहने और खाने की पूरी व्यवस्था भी विभाग द्वारा की गई.
राफ्टिंग गाइड बनाएंगी करियर
पौड़ी जिले के सिरांसू गांव की प्रियंका राणा बीबीए की छात्रा हैं और साथ ही एक कायकिंग एथलीट भी हैं. प्रियंका ने जब सुना कि उत्तराखंड सरकार महिलाओं को राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दे रही है, तो उन्होंने तुरंत इसमें पंजीकरण कराया. प्रियंका बताती हैं कि उनके गांव के पास बड़ी संख्या में राफ्टिंग गतिविधियां होती हैं, और अब वे बतौर राफ्टिंग गाइड अपना करियर बनाना चाहती हैं. वे इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सरकार का आभार व्यक्त करती हैं.
रामनगर निवासी कामाक्षी गोयल वर्तमान में गोवा की एक नॉटिकल कंपनी में कार्यरत हैं. वे पहले से ही वाइट वॉटर फील्ड में नौकरी कर रही थीं, लेकिन अपनी स्किल्स को और निखारने के लिए उन्होंने इस प्रशिक्षण में हिस्सा लिया. उत्तराखंड सरकार द्वारा निशुल्क दिए गए. इस प्रशिक्षण के साथ उन्हें रहने और खाने की सुविधा भी दी गई. कामाक्षी इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम मानती हैं.
ऋषिकेश की मुस्कान ने भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया और विदेशी प्रशिक्षकों से वाइट वॉटर राफ्टिंग की बारीकियों को सीखा. मुस्कान बताती हैं कि, उन्होंने देवप्रयाग से ऋषिकेश तक एक हफ्ते की राफ्टिंग की, जो उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था. मुस्कान अब इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हैं और इसके लिए सरकार और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करती हैं.
साहसिक पर्यटन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उनका कहना है कि उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, और अब बड़ी संख्या में महिला पर्यटक भी राफ्टिंग के लिए आ रही हैं. ऐसे में महिलाओं को राफ्टिंग गाइड के रूप में प्रशिक्षित करना राज्य की बेटियों को स्वावलंबी और सशक्त बनाने की दिशा में अहम प्रयास साबित होगा उत्तराखंड की बेटियां अब न केवल साहसिक पर्यटन में भाग लेंगी बल्कि खुद इसे संचालित भी करेंगी.
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