(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand News: उत्तराखंड में इस साल बारिश की तबाही, मिट गई कई सड़कें और पुल, अब शुरू होगा डेंजर जोन का ट्रीटमेंट
उत्तरखंड में इस साल एनएच 58 पर बारिश के कारण 37 जगहों पर लैंडस्लाइड की घटना हुई है. अब लोक निर्माण विभाग ने 27 जगहों की डिपीआर मंत्रालय को भेजी थी, जिसको ठीक करने का काम शुरू होने वाला है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड में इस साल हुई बारिश ने जमकर तबाही मचाई थी. कई सड़कें और पुल इस साल की बारिश में मिट गई, कई हाइवे डेंजर जोन में आ गए. न जाने कितनी जगह पर लैंडस्लाइड हुआ, बड़े-बड़े बोल्डर आकर सड़कों पर तो कभी पर्यटकों की गाड़ी पर गिरे, जिससे कई भयानक हादसे हुए.
ऋषिकेश से बद्रीनाथ जाने वाला एनएच 58 भी ऐसा ही है, जहां इस साल बारिश में कई हादसे हुए. ऋषिकेश से बद्रीनाथ जाने वाले नेशनल हाईवे 58 पर करीब 37 स्थान ऐसे हैं जो बरसात में लैंडस्लाइड की चपेट में आकर ट्रैफिक बाधित करते हैं. हालात ऐसे होते हैं कि सिरोबगड़, चमधार, मूल्यागाव, पंतनगर, तोता घाटी और तीन धारा के आस पास पहाड़ी से मलबा गिरने से 8 से 10 घंटे तक हाईवे बंद हो जाता है.
डेंजर जोन का शुरू होगा ट्रीटमेंट
इससे बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों सहित लोकल यात्री जाम में फंस कर परेशान होते हैं. लोक निर्माण विभाग खंड नेशनल हाईवे और टीएचडीसी ने मिलकर 27 क्रोनिक जोन की डीपीआर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजी थी. इनमें से 10 के डीपीआर को मंजूरी मिल गई है. अब जल्द इन डेंजर जोन का ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा. कोशिश है कि बरसात से पहले ट्रीटमेंट वर्क पूरा कर लिया जाए, जिससे मानसून की बारिश नासूर न बना पाए.
बारिश में इन 37 जगहों पर लैंडस्लाइड बहुत होता है. विभाग ने 27 जगहों की डिपीआर मंत्रालय को भेजी थी. उम्मीद है कि बाकी को सेकेंड फेज में हरी झंडी मिल जाएगी. इन सभी जगहों पर टीएचडीसी ने स्पेशल प्लान बनाया है. इसमें पहाड़ियों पर शॉर्ट ट्रिटिंग, वाया मेंस, स्लोप ड्रिल एंकर का कार्य किया जाना है, जिससे इनमें लैंड स्लाइड की घटनाओं पर रोक लग सकेगी.
37 जगहों का सर्वे
लोक निर्माण विभाग खंड नेशनल हाईवे के अधिशासी अभियंता तनुज कम्बोज ने बताया कि ऋषिकेश से लेकर रुद्रप्रयाग तक 37 जगहों का सर्वे किया गया था. जहां बरसात के दिनों में लैंड स्लाइड होता है. जिसके लिए टीएचडीसी के साथ मिलकर इनके ट्रीटमेंट प्लान बनाये गए हैं. सड़क परिवहन मंत्रालय को 27 जगहों के ट्रीटमेंट के लिए डीपीआर भेजी गई थी. जिसमें से मंत्रालय ने 10 डिपीआर को हरी झंडी दे दी है. इन 10 जगहों के लिए टेंडर प्रकिया शुरू कर दी है. बरसात से पहले इन पर काम शुरू किया जाएगा.