उत्तराखंड में भारी बारिश से अब तक 11 लोगों की मौत, केदारनाथ में बादल फटने से कई श्रद्धालु फंसे
Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में आपदा के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार से भी मदद मांगी गई है, जिसमें वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मांग की गई है.
Uttarakhand Rain Update: उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण कई मकान ढह गए हैं. कई इलाकों में बाढ़ है. सड़कें बह गई है और कई नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है. लगातार मूसलाधार बारिश को लेकर राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि भारी बारिश के कारण हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, सोनप्रयाग और नैनीताल में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, केदारनाथ में बादल फटने और मूसलाधार बारिश के चलते पैदल मार्ग में लिंचोली और भीमबली के पास 700 से ज्यादा श्रद्धालु फंसे हैं, जिनको रेस्क्यू करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है.
उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के लिए 5 हेलीकॉप्टर को लगाया गया है. अब तक 400 से ज्यादा श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है. इसके साथ ही पूरे केदारनाथ धाम में 1,000 से 1,500 लोग अलग-अलग पड़ाव पर फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू के बाद निकाला जाएगा. केदारनाथ में जगह-जगह रास्ता अवरुद्ध है, जिसको सुचारु करने के लिए तकनीकी टीम केदारनाथ पैदल मार्ग में पहुंच गई है और पैदल मार्ग को जल्द से जल्द खोले जाने की कोशिश की जा रही है.
प्रदेश में आपदा के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार से भी मदद मांगी गई है, जिसमें वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मांग की गई है, जिससे कि रेस्क्यू में तेजी आएगी और केदारनाथ में फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा. मौसम विभाग के मुताबिक देहरादून, हल्द्वानी और चमोली में बारिश से चार लोग लापता हो गए है. आपदा नियंत्रण कक्ष ने बताया कि देहरादून के रायपुर क्षेत्र में एक मौसमी नहर के उफान पर होने से दो लोग बह गए. इसमें एक का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि दूसरे की तलाश जारी है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने बचाव और राहत कार्यों का आकलन करने के लिए आपातकालीन संचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान, सीएम धामी ने बताया कि खराब मौसम से प्रभावित निवासियों को स्थानांतरित करने के लिए बचाव दल पूरी रात सक्रिय रहे. जिला मजिस्ट्रेट को स्थानीय स्तर पर समन्वय करने और आपदा से संबंधित सूचना प्राप्त होने पर बिना किसी ढिलाई के सार्वजनिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया.
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