Rajaji Tiger Reserve: सैलानियों के लिए खुल गया राजाजी टाइगर रिजर्व, वन्य कर्मियों ने तिलक लगाकर लोगों का किया स्वागत
Uttarakhand News: शुक्रवार (15 नवंबर) से राजाजी टाइगर रिजर्व की पर्यटन रेंज खुल गईं. रिजर्व 820 वर्ग किलोमीटर में फैला है. यह वन्यजीव विविधता और हाथी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है.
Rajaji National Park: प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर राजाजी टाइगर रिजर्व की पर्यटक रेंजों के द्वार शुक्रवार से सैलानियों के लिए खोल दिए गए हैं. मोतीचूर रेंज में सुबह करीब सात बजे वन्य जीव प्रतिपादक हरीश नेगी ने रिबन काटकर इस पर्यटन सीजन का उद्घाटन किया. उद्घाटन के मौके पर रक्षा मंत्रालय नई दिल्ली से आए 60 सदस्यीय दल का वन कर्मियों ने तिलक लगाकर और फूल-मालाओं से स्वागत किया. जिससे वहां मौजूद पर्यटकों और स्थानीय लोगों में उत्साह देखा गया. इस अवसर पर पर्यटकों के स्वागत के लिए गेट को आकर्षक ढंग से सजाया गया था.
राजाजी टाइगर रिजर्व उत्तराखंड के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है जो अपनी वन्यजीव विविधता और समृद्ध जैविक विविधता के लिए प्रसिद्ध है.लगभग 820 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह रिजर्व हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल जिलों में स्थित है. राजाजी टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों और पक्षियों को करीब से देखने का अवसर मिलता है. हाथी,बाघ,गुलदार,चीतल, सांभर और मोर के अलावा कई ऐसे जीव-जंतु और पक्षी यहां देखने को मिलते हैं जो लुप्तप्राय प्रजातियों में शामिल हैं.
हाथी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध
राजाजी टाइगर रिजर्व मुख्य रूप से हाथी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है. भारत के इस हिस्से में हाथियों की अच्छी संख्या है और उनके संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं. इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों में राजाजी में बाघों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे यह स्थान पर्यटकों के लिए और भी आकर्षक बन गया है. पार्क की चीला, मोतीचूर और हरिद्वार रेंज में सैलानी बाघों का दीदार कर सकते हैं. बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिकारियों ने जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से चार बाघों को राजाजी की मोतीचूर रेंज में शिफ्ट किया है, जिससे यहां बाघों की संख्या में और वृद्धि हुई है.
पर्यटकों के लिए सफारी का आनंद
राजाजी टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी की सुविधा उपलब्ध है जो उन्हें जंगल की गहराईयों में ले जाकर वन्यजीवों का नजदीकी अनुभव देती है. चीला और मोतीचूर रेंज में सफारी के माध्यम से पर्यटक बाघ, हाथी और अन्य वन्यजीवों को प्राकृतिक वातावरण में देख सकते हैं. पर्यटक इस सफारी के माध्यम से घने जंगलों, ऊंची पहाड़ियों और शांत जल धाराओं के बीच जंगली जीवों को देख पाते हैं, जो उनके लिए एक अद्वितीय अनुभव होता है. सफारी के दौरान पर्यटकों को प्रशिक्षित गाइड द्वारा जंगल के नियमों और सुरक्षा निर्देशों का पालन करना होता है ताकि वन्यजीवों और पर्यटकों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम
राजाजी टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को वन्य जीवों की विशाल विविधता के साथ-साथ प्रकृति का अद्वितीय सौंदर्य भी देखने को मिलता है.यहां का समृद्ध वनस्पति आवरण विभिन्न प्रकार के पक्षियों और जीवों का आश्रय स्थल है,जिनमें से कई लुप्तप्राय प्रजातियों में आते हैं. पर्यटकों को यहां भारतीय मोर, दुर्लभ पक्षी प्रजातियाँ, चित्तीदार हिरण, सांभर, और नीलगाय देखने का भी अवसर मिलता है.यह रिजर्व हिमालय की तलहटी में स्थित है और यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य, घने जंगल, ऊंची पहाड़ियां, और शांत वातावरण सैलानियों को सुकून प्रदान करता है.
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