Uttarakhand News: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में भर्ती घोटाले के बाद कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं, एक तरफ आयोग को ही भंग करने की मांग की जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ उन छात्रों की भी टेंशन बढ़ गई हैं, जिन्होंने आने वाली परीक्षाओं के लिए आवेदन किए हैं. यही नहीं उस आउट सोर्स कंपनी को भी हटाने की चर्चाएं होने लगी है जिसके कंप्यूटर ऑपरेटर का नाम पेपर लीक में सामने आया है.
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पर सवाल
दरअसल आयोग द्वारा दिसंबर 2021 में 4 और 5 दिसंबर को आयोजित कराई गई ग्रैजुएट लेवल की परीक्षा में 916 पदों के लिए तकरीबन 1 लाख 90 हजार लोगों ने परीक्षा दी थी और इस परीक्षा का रिजल्ट भी आउट हो गया था. जिसके बाद डॉक्यूमेंटेशन की कार्रवाई चल रही थी, लेकिन इस परीक्षा में पेपर लीक की शिकायत हुई, जिसकी जांच में पुलिस को पता चला कि परीक्षा में बड़े स्तर पर पेपर लीक किया गया. जिसके बाद परीक्षा में पास हुए सभी 916 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. आयोग का इस मामले में कहना है कि जब तक जांच चलेगी तब तक इस परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों की आगे की प्रक्रिया को रोक दिया गया है. जिसकी वजह से युवाओं की भविष्य अधर में लटक गया है.
इन पदों के लिए हुई थी परीक्षा
उधर इस पूरे मामले में एसआईटी और विजिलेंस अपने स्तर से जांच कर रही है. कई आरोपी एसआईटी के शिकंजे में भी है, लेकिन मामला सामने आने के बाद में हड़कंप मचा है. ये परीक्षा सहायक समाज कल्याण अधिकारी, सहायक निदेशक उद्योग, सहायक प्रबंधक उद्योग, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी सहित 13 अलग-अलग पदों के लिए करवाई गई थी.
दरअसल आयोग द्वारा दिसंबर 2021 में 4 और 5 दिसंबर को आयोजित कराई गई ग्रैजुएट लेवल की परीक्षा में 916 पदों के लिए तकरीबन 1 लाख 90 हजार लोगों ने परीक्षा दी थी और इस परीक्षा का रिजल्ट भी आउट हो गया था. जिसके बाद डॉक्यूमेंटेशन की कार्रवाई चल रही थी, लेकिन इस परीक्षा में पेपर लीक की शिकायत हुई, जिसकी जांच में पुलिस को पता चला कि परीक्षा में बड़े स्तर पर पेपर लीक किया गया. जिसके बाद परीक्षा में पास हुए सभी 916 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. आयोग का इस मामले में कहना है कि जब तक जांच चलेगी तब तक इस परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों की आगे की प्रक्रिया को रोक दिया गया है. जिसकी वजह से युवाओं की भविष्य अधर में लटक गया है.
इन पदों के लिए हुई थी परीक्षा
उधर इस पूरे मामले में एसआईटी और विजिलेंस अपने स्तर से जांच कर रही है. कई आरोपी एसआईटी के शिकंजे में भी है, लेकिन मामला सामने आने के बाद में हड़कंप मचा है. ये परीक्षा सहायक समाज कल्याण अधिकारी, सहायक निदेशक उद्योग, सहायक प्रबंधक उद्योग, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी सहित 13 अलग-अलग पदों के लिए करवाई गई थी.
इधर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग आने वाले दिनों में कई परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है. जिसमें एक परीक्षा 31 जुलाई को ही होने जा रही है. 31 जुलाई को दूरसंचार विभाग के मुख्य आरक्षी 272 पदों के लिए परीक्षा होनी है. इस परीक्षा को लेकर आयोग पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है. इस परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों के मन में किसी तरह की कोई शंका ना हो इसके लिए आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह परीक्षा अपने तय समय पर और अपने तय कार्यक्रम के अनुसार होगी.
शक के घेरे में टेक्निकल सपोर्ट करने वाली कंपनी
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उस कंपनी पर खड़ा हुआ है जो UKSSSC के साथ टेक्निकल सपोर्ट करती थी. आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के एक कर्मचारी का नाम पेपर लीक में सामने आया है. हालांकि ये कंपनी आयोग के साथ काम कर रही है लेकिन कंपनी की शिकायत मिलने पर आयोग ने इस कंपनी की तमाम जिम्मेदारियों को बदल दिया है. आयोग का कहना है कि इस कंपनी के एक कर्मचारी का नाम जांच में सामने आया है लिहाजा पूरी कंपनी की भूमिका पर सवाल उठाना जल्दबाजी होगी हालांकि अगर जांच में आगे कंपनी की भूमिका पर भी सवाल खड़े होते हैं तो अन्य कार्रवाई के बारे में सोचा जा सकता है.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उस कंपनी पर खड़ा हुआ है जो UKSSSC के साथ टेक्निकल सपोर्ट करती थी. आरएमएस टेक्नोसॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के एक कर्मचारी का नाम पेपर लीक में सामने आया है. हालांकि ये कंपनी आयोग के साथ काम कर रही है लेकिन कंपनी की शिकायत मिलने पर आयोग ने इस कंपनी की तमाम जिम्मेदारियों को बदल दिया है. आयोग का कहना है कि इस कंपनी के एक कर्मचारी का नाम जांच में सामने आया है लिहाजा पूरी कंपनी की भूमिका पर सवाल उठाना जल्दबाजी होगी हालांकि अगर जांच में आगे कंपनी की भूमिका पर भी सवाल खड़े होते हैं तो अन्य कार्रवाई के बारे में सोचा जा सकता है.
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