देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में महामारी के संक्रमण की चेन तोड़ना सबसे बड़ी चुनौती है. स्वास्थ सचिव अमित नेगी का कहना है कि जो नए प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं उसका उद्देश्य यही है कि बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण की चेन को रोका जा सके.
पर्याप्त मात्रा में है ऑक्सीजन
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी का कहना है कि ऑक्सीजन को लेकर प्रदेश में किसी तरह का अभी क्राइसिस नहीं है. उत्तराखंड में बेहतर प्रबंधन की जरूरत है जिसके लिए शासन के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. स्वास्थ सचिव का कहना है कि केंद्र की तरफ से हर राज्य को ऑक्सीजन का कोटा फिक्स किया गया है. उत्तराखंड के लिए भी ऑक्सीजन कोटा फिक्स है. रेमिडिसिवर इंजेक्शन को लेकर स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है. अस्पतालों को पर्याप्त कोटा दिया गया है. ये व्यवस्था की जा रही है जिससे पता चल सके कि किन मरीजों को रेमिडिसिवर का इंजेक्शन लगाया गया है.
लक्षण नजर आ रहे हैं तो टेस्ट जरूर कराएं
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने ये भी कहा कि किसी तरह का पैनिक करने की जरूरत लोगों को नहीं है. दवा से लेकर ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा प्रदेश में है. घबराने की जरूरत नहीं है अगर लक्षण नजर आ रहे हैं तो टेस्ट जरूर कराएं. रिपोर्ट आने के बाद पॉजिटिव आने पर ही दवा की जरूरत पड़ती है, इसलिए लोगों को अनावश्यक भयभीत होने की जरूरत नहीं है.
बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था की जा रही है
स्वास्थ सचिव अमित नेगी का कहना है कि राजधानी देहरादून के अस्पतालों में बेड की सबसे ज्यादा दिक्कत है. जिसके लिए डॉक्टर्स की टीम बनाकर अलग-अलग ड्राइव कराई जा रही है कि कौन से ऐसे पेशेंट है जिनको हॉस्पिटल की जरूरत नहीं है, जिसके बाद काफी जगह बेड खाली भी हो रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि नए आइसोलेशन बेड और वेंटिलेटर की भी व्यवस्था की जा रही है. राजधानी देहरादून में अन्य जिलों की तुलना में काफी प्रेशर है और इसी कारण कई जगहों पर थोड़ी मुश्किल भी हो रही है.
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