Road Accident: साल 2024 में उत्तराखंड सड़क हादसों की भयावहता का गवाह बना. राज्य में रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड जैसी लापरवाहियों के चलते 900 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई. इन हादसों ने न केवल परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया, बल्कि पूरे राज्य के लिए चिंता का विषय बन गए. सड़क सुरक्षा की तमाम कोशिशों के बावजूद दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है.
इस साल उत्तराखंड में कुल 1594 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं. इनमें 983 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1427 से ज्यादा लोग घायल हुए. हैरानी की बात यह है कि 1353 दुर्घटनाएं रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड के कारण हुईं, जिनमें 825 लोगों की जान चली गई और 1209 लोग घायल हो गए. पिछले तीन सालों के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि दुर्घटनाओं में कमी आने के बजाय इनमें इजाफा हो रहा है.
- 2024- 1594 दुर्घटनाएं, 983 मौतें, 1427 घायल
- 2023- 1520 दुर्घटनाएं, 946 मौतें, 1369 घायल
- 2022- 1516 दुर्घटनाएं, 958 मौतें, 1493 घायल
ओवरस्पीड और रैश ड्राइविंग से सबसे ज्यादा हादसे
- 2024- 1353 दुर्घटनाएं, 825 मौतें, 1209 घायल
- 2023- 1175 दुर्घटनाएं, 706 मौतें, 1034 घायल
- 2022- 1153 दुर्घटनाएं, 692 मौतें, 1034 घायल
उत्तराखंड में सड़क हादसों के कारणों पर किए गए अध्ययन से यह पता चला है कि 90% दुर्घटनाएं इंसानी लापरवाही का नतीजा हैं. इनमें प्रमुख कारण हैं- रैश ड्राइविंग और ओवरस्पीड. कुल हादसों का सबसे बड़ा कारण. गलत दिशा में वाहन चलाने से 51 दुर्घटनाओं में 17 मौतें हुई हैं. वहीं गलत तरीके से ओवरटेक से 15 दुर्घटनाओं में 5 मौतें और 14 घायल हुए हैं. ओवरलोडिंग से 13 दुर्घटनाओं में 10 मौतें और 6 घायल हुए हैं. वहीं ड्रिंक एंड ड्राइव से 9 घटनाओं में 7 मौतें और 14 घायल हुए हैं.
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2024 में कई बड़े सड़क हादसों ने पूरे देश को झकझोरा
- 25 दिसंबर- नैनीताल जिले में रोडवेज बस खाई में गिर गई. हादसे में 5 लोगों की मौत हुई और 24 घायल हुए.
- 11 नवंबर- देहरादून में इनोवा कार दुर्घटनाग्रस्त हुई. इसमें 6 छात्रों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हुआ.
- 4 नवंबर- अल्मोड़ा जिले में प्राइवेट बस खाई में गिरने से 38 लोगों की मौत हुई और 25 घायल हुए.
- 15 नवंबर- हरिद्वार के रुड़की में बारातियों से भरी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई. इसमें 5 लोगों की मौत हो गई.
- 15 जून- रुद्रप्रयाग जिले में टेंपो ट्रैवलर नदी में गिर गया. हादसे में 15 लोगों की मौत हुई और 11 घायल हुए.
आंकड़े बढ़ा रहे चिंता
उत्तराखंड के मैदानी और पर्वतीय जिलों में सड़क हादसों की स्थिति लगभग समान रही. देहरादून में हुई 470 दुर्घटनाओं में 185 मौतें और 406 घायल हुए हैं. हरिद्वार में हुई 400 दुर्घटनाओं में 256 मौतें और 324 घायल हुए हैं. उधम सिंह नगर में हुई 384 दुर्घटनाओं में 243 मौतें और 299 घायल हुए हैं. टिहरी में हुई 50 दुर्घटनाओं में 34 मौतें और 65 घायल हुए है. पौड़ी में हुई 28 दुर्घटनाओं में 26 मौतें और 28 घायल हुए हैं.
दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या ने यातायात और पुलिस विभाग को गंभीर चिंतन के लिए मजबूर कर दिया है. यातायात विभाग के आईजी अरुण मोहन जोशी के अनुसार, राज्य में ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की जा चुकी है और इन पर सुधार के प्रयास जारी हैं. हालांकि, बड़ी चुनौती यह है कि दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकतर वजहें इंसानी लापरवाही से जुड़ी हैं. लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना और उनका पालन सुनिश्चित कराना विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है.
उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते आंकड़े सरकार, प्रशासन और आम जनता के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं. प्रशासन की कोशिशें तभी सफल हो सकती हैं जब लोग खुद जागरूक होकर यातायात नियमों का पालन करें. वर्ष 2024 का अंत यह संदेश देकर जा रहा है कि सुरक्षा के लिए केवल सरकारी प्रयास ही काफी नहीं हैं. जब तक हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगा, तब तक सड़क हादसों का यह सिलसिला नहीं थमेगा.