Uttarakhand News: उत्तराखंड में सड़क हादसे लगातार बढ़ते जा रहे हैं. हादसों की वजह से सैकड़ों की संख्या में लोगों की जान जा रही है. राज्य सरकार लगातार इन हादसों को कम करने की कोशिश कर रही है. लेकिन कोशिश है, ना काफी साबित हो रही है. हादसों का मुख्य कारण तेज वाहन चलाना और रैश ड्राइविंग सामने आ रहा है. जनवरी 2024 से लेकर जून 2024 तक प्रदेश में 1075 सड़क हादसे हुए है. इनमे 578 खतरनाक हादसे हुए, जिनमे 701 लोगो की जान गई.
प्रदेश में होने वाले सभी एक्सीडेंट का डाटा यातायात निदेशालय के पोर्टल पर दर्ज दिया जाता है. इन हादसे को एनालाइज करने पर मालूम हुआ कि अगर थोड़ी सी जागरूकता फैलाई जाए तो ऐसे हाथ से रुक जा सकते हैं. कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है.उत्तराखंड राज्य में हर साल जितनी हत्याएं होती हैं. उनसे कहीं गुना ज्यादा सड़क हादसे में लोगों की मौत हर साल होती है. हाथों में मरने वालों की संख्या की अगर बात करें तो हर साल एक से डेढ़ हजार लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है.
6 महीने में 282 लोगों की गई जान
उत्तराखंड में हादसों के लिए अगर पिछले 6 महीनों के आंकड़े देखें तो तो पिछले छह महीनों में सड़क हादसे में लगभग 282 लोगों की जान जा चुकी है. ये आंकड़ा इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस ( आईरैड) में पुलिस अपने पास दर्ज किया है. जनवरी 2024 से लेकर जून 2024 तक प्रदेश में 1075 सड़क हादसे हुए है. इनमें 578 खतरनाक हादसे हुए जिनमे 701 लोगो की जान गई गई. प्रदेश में होने वाले सभी एक्सीडेंट का डाटा यातायात निदेशालय के पोर्टल पर दर्ज दिया जाता है.
सबसे ज्यादा मौत सड़क हादसे में
उत्तराखंड राज्य में हर साल जितनी हत्याएं होती है. उनसे कहीं गुना ज्यादा सड़क हादसे में लोगों की मौत हर साल होती है. हाथों में मरने वालों की संख्या की अगर बात करें तो हर साल एक से डेढ़ हजार लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है. उत्तराखंड में होने वाले इन तमाम सड़क हादसों में पुलिस मौके पर जाकर तफ्तीश करती है और हाथ से की जगह का इंस्पेक्शन कर पूरा डाटा यातायात निदेशालय के पोर्टल पर दर्ज करती है. आपको बता दें कि इस साल 263 हादसे प्रदेश भर में हुए हैं. इनमें 159 लोगों की जान गई. जबकि रेस ड्राइविंग से 197 हादसे हुए. जिनमें 123 लोगों की जान गई.
क्या बोले आईजी मुख्तार मोहसिन
उत्तराखंड ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड के आईजी मुख्तार मोहसिन का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल दुर्घटनाओं में जाने कम गई है. हम फिर भी कोशिश कर रहे हैं कि अवेयरनेस फैला कर इन दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके. उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे है कि दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके. इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. पिछले साल जनवरी से मई तक 428 लोगों की जान गई थी. जबकि इस साल 413 लोगों की जान गई है. ये आंकड़ा बताता है कि दुर्घटनाओं में मरने वालो की संख्या में कमी आई है.
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