Rudraprayag News: केदारनाथ (Kedarnath) और बद्रीनाथ हाईवे (Badrinath Highway) को आपस में जोड़ने के लिये बेलनी वाली पहाड़ी पर बनने वाली 900 मीटर सुरंग का कार्य शुरू हो गया है. लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग इस प्रोजेक्ट को तैयार कर रहा है. ढाई साल के भीतर कार्य पूरा होने की समय सीमा भी निर्धारित की गई है. इस सुरंग के बनने से जहां रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) में लगने वाले जाम से निजात मिलेगी, वहीं बद्रीनाथ व केदारनाथ हाईवे सीधे आपस में जुड़ जाएंगे.
रुद्रप्रयाग नगर को भारी वाहनों के भार से मुक्त करने के लिए केदारनाथ हाईवे से बद्रीनाथ हाईवे को बाईपास सुरंग के जरिए जोड़ने की तैयारी तेज हो गई है. इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार से 1 अरब 56 करोड़ रुपये भी स्वीकृत हुए हैं. पूर्व में फेज वन का काम बीआरओ द्वारा पूरा किया गया था. जिसमें जवाड़ी बाईपास का निर्माण और मंदाकिनी नदी पर पुल बनाया गया. अब दूसरे फेज में केदारनाथ हाईवे के जागतोली तिराहे से लगी पहाड़ी से कोटेश्वर तिराहे के करीब 900 मीटर सुरंग बनाई जाएगी. जबकि इसके बाद सीधे अलकनंदा नदी पर 200 मीटर पुल बनाते हुए इस मार्ग को बद्रीनाथ हाईवे से जोड़ा जाएगा.
सालों से लटके पड़े इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन हो गया है. इस बाईपास सुरंग और ब्रिज के बनने के बाद रुद्रप्रयाग नगर में एक ओर जहां भारी वाहनों का दबाव कम होगा, वहीं जाम की स्थिति से भी नगर वासियों को छुटकारा मिल जाएगा.
2021 में हुआ था प्रोजेक्ट का शिलान्यास
दरअसल 2021 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देहरादून में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया था. उसके बाद से विभागीय स्तर पर अनेक पत्रावलियां तैयार हो रही थीं. अब बेलनी में सुरंग निर्माण को लेकर भूमि पूजन होने के बाद रास्ता साफ हो गया है और 2025 तक ये कार्य पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके बाद बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे दोनों आपस में जुड़ जाएंगे. 900 मीटर लंबी सुरंग और 200 मीटर पुल निर्माण के बाद देश-विदेश से केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा और वे आसानी से यहां से होकर गुजर सकेंगे.
दरअसल 2021 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देहरादून में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया था. उसके बाद से विभागीय स्तर पर अनेक पत्रावलियां तैयार हो रही थीं. अब बेलनी में सुरंग निर्माण को लेकर भूमि पूजन होने के बाद रास्ता साफ हो गया है और 2025 तक ये कार्य पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके बाद बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे दोनों आपस में जुड़ जाएंगे. 900 मीटर लंबी सुरंग और 200 मीटर पुल निर्माण के बाद देश-विदेश से केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को जाम की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा और वे आसानी से यहां से होकर गुजर सकेंगे.