Mussoorie News: मसूरी नगरपालिका का बड़ा खेल, नियमों को ताक पर रख पार्किंग की जगह बना दिए घर और दुकान
Mussoorie News: मसूरी नगर पालिका पार्किंग के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है जहां पार्किंग की जगह नियमों को ताक पर दुकान और आवास बना दिए गए हैं. जो आने वाले समय में खतरनाक साबित हो सकते हैं.
Mussoorie News: उत्तराखंड की पर्यटन नगरी मसूरी में नगर पालिका पार्किंग के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है जहां पार्किंग की जगह नियमों को ताक पर दुकान और आवास बना दिए गए. मसूरी नगर पालिका द्वारा मसूरी पिक्चर पैलैस मासोनिक लॉज पर 2009-10 पर करीब 200 गाड़ियों के पार्किग के निर्माण का काम शुरू किया गया था परंतु पार्किग का निर्माण शुरू होते ही विवादों में घिर गया, लेकिन अब यहां नियमों को ताख पर रखकर मासोनिक लॉज पार्किग पर आवास बनाये जा रहे है. जिसको लेकर पूर्व में ही मसूरी के सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री से लेकर उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई है.
तकनीकी खामियों के चलते रोका गया था काम
दरअसल, मसूरी में पार्किंग की समस्या को देखते हुए मॉल रोड के आसपास मसूरी पिक्चर पैलेस मासोनिक लॉज बस स्टैंड पर पार्किंग का निर्माण को लेकर पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल द्वारा 2009-10 में इसकी नींव रखी गई थी परंतु कई तकनीकी खामियां होने के कारण इसका निर्माण रोक दिया गया था. 2014 में पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल द्वारा मसूरी पालिका का कार्यभार संभाल लिया. इस दौरान भी पार्किंग निर्माण में तकनीकी खामियां होने के कारण कार्य आगे नहीं बढ़ाया गया. वहीं पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल द्वारा तैयार किए गए ढांचे को भी ध्वस्त करने के भी निर्देश दे दिए गए. लेकिन ये ढांचा ध्वस्त नहीं किया जा सका.
पार्किंग की जगह बनाए घर और दुकान
साल 2018 में वर्तमान पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता द्वारा पालिका की अध्यक्ष की कुर्सी को संभाली गई. परंतु उनके द्वारा एक बड़े नियोजित तरीके से पूर्व में खड़े ढांचे पर ही पार्किंग का निर्माण का हवाला देते हुए निर्माण शुरू कर दिया गया. सभी नियमों को ताक पर रखकर पार्किंग को एकाएक आवास में तब्दील कर दिया गया है. पार्किंग के टॉप फ्लोर में 14 दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है जो नियम अनुसार गलत है. निर्माण के दौरान सुरक्षा और तकनीकी दृष्टि से देखते हुए बिल्डिंग खतरे की जद पर है क्योंकि नवनिर्मित बिल्डिंग से सटे पीली बिल्डिंग जिसको डिमरी निवास कहा जाता है जो अंग्रेजों के जमाने में मजदूरों के लिये बनाई गई थी. उसी से सटाकर इस नई बिल्डिंग का निर्माण कर दिया गया है जो खतरे का सबब बन सकता है.
निर्माण कार्य रोकने के आदेश को भी धता बताया
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा भी पार्किंग निर्माण गलत मानते हुए इसका दो बार चालान कर अनाधिकृत रूप से हो रहे निर्माण को रोकने के निर्देश दिये गए परंतु उसके बाद भी कार्य को नहीं रोका गया है. पहले भी इस निर्माण को लेकर कई बार जांच की मांग उठाई गई परंतु शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है. सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा भी पार्किंग के निर्माण की जांच को लेकर दो बार जिला अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं परंतु वो जांच कहां गई ये आज तक किसी को नहीं मालूम. ऐसा लग रहा है कि शासन-प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहा है.
जानिए क्या कहते हैं नगर पालिका के अधिकारी
मसूरी नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी का कहना है कि उनके द्वारा भी हाल में ही मसूरी नगर पालिका का कार्यभार संभाला गया है ऐसे में इनको पार्किंग के निर्माण को लेकर कोई खास जानकारी नहीं है उनको अधिकारियों द्वारा ये बताया जा रहा है कि यहां पर तीन मंजिल में अफॉरडेबल हाउस बनाये जा रहे हैं और टॉप फ्लोर पर 60 गाड़ियों की पार्किंग और दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है.
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मसूरी बीजेपी मंडल के अध्यक्ष ने कही ये बात
मसूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने बताया कि मसूरी पिक्चर पैलैस मासोनिक लॉज बस स्टैंड पर हो रहे पार्किंग निर्माण के शुरुआती दौर में आईआईटी रुडकी द्वारा निर्माण को लेकर सॉइल टेस्टिंग की गई थी जो फेल हो गई थी. ऐसे में पालिका में भ्रष्टाचार को अंजाम देते हुए उस रिपोर्ट को ही गायब कर प्राइवेट कम्पनी से सॉइल टेस्ट पास कराकर निर्माण शुरू कराया गया. वहीं पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल द्वारा पार्किंग को उपयुक्त नहीं पाया गया था जिसकी वजह से उनके द्वारा पार्किग के निर्माण को रोक कर पूर्व में खडे ढाचे को ध्वस्त करने की भी सिफारिश की गई थी. ऐसे में पार्किंग के नाम पर पालिका द्वारा निर्माण किये जा रहे आवास और भविष्य में खतरनाक साबित हो सकती है.
स्थानीय निवासी मनीष कुकशाल ने बताया कि पिक्चर पैलैस मासोनिक लॉज बस स्टैंड पर पार्किंग निर्माण किया जाना था पर अब एकाएक आवास और दुकान का स्वरूप ले लिया है जो नियम विरुद्ध है. उन्होंने कहा कि पालिका अध्यक्ष द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखकर अवैध काम करा रहे हैं जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.
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