देहरादून: 2013 की आपदा में केदारनाथ का प्रलय पूरी दुनिया ने देखा, जहां कई लोग मारे गये तो हजारों लापता हो गये. अभी तक इन लापता लोगों का कुछ पता नहीं चला है. उत्तराखंड पुलिस ने एक बार फिर से लापता लोगो के कंकालों का सर्च अभियान शुरू किया है, जहां उनका डीएनए टेस्ट करने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके लिये पुलिस टीम का गठन किया गया है. गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग समेत क्षेत्र के अन्य ट्रैकिंग रूट पर आज से शुरू किए गए सघन खोजबीन अभियान के लिए पुलिस की दस टीमों का गठन किया गया है.


उल्लेखनीय है कि केदारनाथ आपदा के बाद से अभी तक इन 7 सालों में लापता लोगों के लिए कई बार सर्च अभियान चलाए गए हैं, जिसमें 700 से अधिक कंकाल मिले हैं जबकि अभी भी करीब 3,000 लोगों के शव बरामद नहीं हो पाये हैं, जिनकी खोजबीन आज से शुरू कर दी गयी है.



आपको बता दें कि 2013 की आपदा के दौरान भारतीय सेना और पुलिस की तरफ से हजारों लोगों का रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई थी. रेस्क्यू दलों की तरफ से चार हजार से अधिक शव बरामद किए गए थे. लगभग 4 हज़ार लोग लापता हो गए थे, जिनका कोई पता नहीं चला था. इसके बाद कई बार सर्च अभियान चलाया गया, जिसमें 700 शव बरामद किये जा चुके हैं.


वहीं एक बार फिर पुलिस की तरफ से कंकालों की खोजबीन शुरू कर दी गई है. इसके लिए पुलिस और एसडीआरएफ की तरफ से संयुक्त रूप से 10 टीमों के माध्यम से सर्च अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान पूरे एक हफ्ते तक चलाया जाएगा, जो केदारनाथ और उसके आसपास के इलाको में चलेगा. इस सर्च अभियान में पुलिस एसडीआरएफ स्थानीय लोगों का भी सहयोग ले रही है.


आईजी गढ़वाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर ये अभियान चलाया जा रहा है, जो भी शव या कंकाल प्राप्त होगा उसका डीएनए टेस्ट करने के बाद उनसे संबंधित लोगों को सूचित किया जाएगा, जिससे परिवारजनों को संतुष्टि हो सके और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा.


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