Uttarakhand News: उत्तराखंड में बीज घोटाले (Seed Scam) से संबंधित एक महत्वपूर्ण फाइल सचिवालय से गायब हो गई है, इसको लेकर अब शासन में हड़कंप मचा हुआ है. उत्तराखंड सचिवालय (Uttarakhand Secretariat) से बीज घोटाले से संबंधित फाइल गुम होने का मामला तब सामने आया, जब सूचना के अधिकार के तहत इस फाइल की प्रतियां मांगी गईं. इसके बाद संबंधित अनुभाग अधिकारी ने मामले में एफआईआर तो दर्ज करा दी है लेकिन दो साल बीतने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. सूचना आयोग ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए कृषि सचिव को प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं.
प्रयागराज के हरि शंकर पांडे ने बीज प्रकरण अभिकरण में हुए बीज और टैग के फर्जीवाड़े से संबंधित पत्रावली सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी. प्रकरण में सूचना न उपलब्ध होने की वजह से मामला सूचना आयुक्त तक पहुंचा. सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि संबंधित पत्रावली अक्टूबर 2020 को आवश्यक कार्रवाई के लिए तत्कालीन कृषि सचिव राम विलास यादव के कार्यालय भेजी गई थी लेकिन वहां से वापस नहीं आई.
सूचना आयुक्त ने सचिवालय की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
इस घटना के दो साल बाद जब पत्रावली से संबंधित आरटीआई मांगी गई तो पता चला कि फाइल गुम हो चुकी है, तब एफआईआर दर्ज कराई गई. इसे लेकर सूचना आयोग ने अपनी टिप्पणी में लिखा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि लोक सूचना अधिकारी की ओर से महज खानापूर्ति के लिए गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई गई है. सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने अपने अंतरिम आदेश में सचिवालय की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि सचिवालय का शायद ये ऐसा इकलौता प्रकरण होगा, जहां घोटाले की फाइल ही गायब हो गई.
जेल में है तत्कालीन अधिकारी
योगेश भट्ट ने आगे कहा कि इसे फाइलों के मूवमेंट और रखरखाव की निरंकुशता मानी जा सकती है. 2020 में फाइल ऐसे अधिकारी के कार्यालय से गायब हुई है जो आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में है. वहीं उत्तराखंड के पूर्व सचिव राम विलास यादव आय से अधिक संपत्ति के मामले में इस वक्त जेल में है.
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