Uttarakhand News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service) के 17 अधिकारियों के 2022 के अंत तक सेवानिवृत्त होने से अधिकारियों की कमी हो जाएगी. जिसके कारण वन ​विभाग को प्रदेश में 36 वन प्रभाग और दो बाघ संरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन में दिक्कत आ सकती है. उत्तराखंड के लिए आईएफएस (IFS) अधिकारियों के स्वीकृत पदों के सापेक्ष यहां 90 अधिकारी सेवारत हैं. जिनमें से 17 इस साल के अंत तक सेवानिवृत्त हो जाएंगे.


वन क्षेत्र का प्रबंधन होगा प्रभावित
वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि आईएफएस अधिकारियों की कमी के कारण कॉर्बेट (Corbett National Park) और राजाजी टाइगर रिजर्व (Rajaji Tiger Reserve) के साथ ही 36 वन प्रभागों में बंटे 38,000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाके में फैले वन क्षेत्र के प्रबंधन में मुश्किल आ सकती है. 


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क्या बोले मंत्री?
इस मामले में प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल (Subodh Uniyal) ने भी माना है कि कर्मचारियों/अधिकारियों की कमी से काम में मुश्किल आएगी. लेकिन उनका कहा कि राज्य सरकार के पास ऐसी परिस्थितियों से निपटने की एक प्रक्रिया है. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, "ऐसे हालत से निपटने के लिए हमने संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) को पहले ही आईएफएस अधिकारियों की मांग भेजने का निर्णय लिया है." उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड को हर साल आईएफएस और प्रांतीय वन सेवा (Provincial Forest Service) के अधिकारियों का आनुपातिक आवंटन होना चाहिए.


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