Uttarakhand Election: उत्तराखंड में पांचवी बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. लोकतंत्र के इस महापर्व पर यह पहला अवसर होगा जब दिव्यांग और गर्भवती महिलायें डोली और डंडी-कंडी पर सवार होकर अपनी सरकार का चुनाव करेंगे. राज्य निर्वाचन आयोग की यह व्यवस्था मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए की जा रही है.
सीमांत जनपद उत्तरकाशी के मोरी, भटवाड़ी तथा नौगांव ब्लॉक के सुदूरवर्ती बर्फबारी वाले बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने की चुनौती रहती है. निर्वाचन 2022 सफल एवं शान्ति पूर्ण रूप से सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता (SVEEP) कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित एवं मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्वीप कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हस्ताक्षर कर जन जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया. वहीं जनपद में आज से कर्मचारियों की ट्रेनिंग होनी शुरू हो गई है.
बर्फबारी के कारण अधिकांश मतदाता असुविधाओं के कारण मतदान केंद्रों तक नहीं पहुंच पाते हैं. इनमें दिव्यांग और गर्भवतियों को मतदान केंद्र तक पहुंचाना चुनौती रहा है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. प्रशासन इन्हें खुद बूथ तक लाएगा. इसके लिए डोली के डंडी और कंडी की व्यवस्था की जा रही है. इसे लेकर वोटर चिन्हित किए जा रहे हैं जो स्वास्थ्य कारणों की वजह से बूथ तक पहुंचने में असमर्थ हैं.
साथ ही जिले की सभी गर्भवती महिलाओं की सूची भी तैयार की गई है. ऐसे सभी गर्भवती और दिव्यांग मतदाता अगर वह बूथ तक खुद नहीं आ पा रहे हैं तो उनके लिए प्रशासन की ओर से डोली की व्यवस्था की जा रही है. उत्तरकाशी जिले में 4216 महिला मतदाता ऐसी हैं जो गर्भवती हैं और इनमें भी 754 का प्रसव 16 फरवरी तक होना है. साथ ही जिले में 3255 दिव्यांग मतदाता हैं, इन्हें भी बूथ तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.
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