Uttarakhand Student Union Election: उत्तराखंड में छात्रसंघ का चुनाव 7 नवंबर को होने वाला है. ऐसे में राज्य की दोनों बड़ी पार्टियों अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनाव जिताने में लगी हुई है. तो वहीं कांग्रेस पार्टी का छात्र दल एनएसयूआई गुटबाजी का अखाड़ा बना हुआ है. उत्तराखंड के रामनगर में छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के टिकट को लेकर देहरादून से दिल्ली तक तकरार होती रही, तब कहीं जाकर टिकट की घोषणा हो पाई. सूत्रों की मानें तो रामनगर के छात्रसंघ चुनाव में राज्य संगठन से लेकर केंद्रीय नेता तक माथापच्ची करते नजर आए.
उत्तराखंड में कांग्रेस (Congress) की लड़ाई किसी से छुपी नहीं है. यह कलेह लगातार बढ़ती ही जा रही है. इसका नतीजा है कि उत्तराखंड में होने वाले हर एक चुनाव में कांग्रेस आपसी मतभेद के चलते सभी चुनावों में पिछड़ती नजर आई है. ऐसा ही कुछ नजारा छात्रसंघ चुनाव में देखने को मिला, जहां एनएसयूआई (NSUI) में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान होता रहा. रामनगर डिग्री कॉलेज के चुनाव में टिकट को लेकर पिछले 24 घंटे से नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले, जहां पर कभी किसी को तो कभी किसी को टिकट मिलता रहा, आखिरकार दो लोगों के नाम पर मोहर लग पाई.
कांग्रेस कैसे जीतेगी चुनाव?
छात्रसंघ अध्यक्ष के लिए ललित कड़ा कोटि तथा सचिव पद के लिए चेतन पंत के नाम पर मोहर लगी लेकिन इस टिकट का चर्चा देहरादून से लेकर दिल्ली तक रहा, जहां अपने गुट को टिकट दिलाने के लिए नेता ऐड़ी चोटी का जोर लगाते दिखाई दिए. आखिरकार एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी (Vikash Negi) के तरफ से इन दो नामों पर मोहर लगाई गई, जिसके बाद यह साफ हो गया कि यह दोनों छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के प्रत्याशी होंगे लेकिन इस पूरे प्रकरण में एक बात साफ नजर आई है कि कांग्रेस में गुटबाजी किस कदर हावी है, जहां छोटे से छोटे चुनाव से लेकर बड़े चुनाव तक नेता एक दूसरे का रास्ता काटने में लगे हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस 2024 लोकसभा चुनाव को कैसे जीत पाएगी यह अपने आप में बड़ी सोचने वाली बात है.
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