Nainital News: लंबे समय से चली आ रही मांग और छात्रों के आंदोलन के बाद, उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और संबद्ध महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराने की तिथि घोषित कर दी है. प्रदेश के उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने गुरुवार को बताया कि 25 अक्तूबर को पूरे प्रदेश में छात्र संघ चुनाव कराए जाएंगे. इस निर्णय के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय ने धरने पर बैठे छात्रों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की है.
कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्र पिछले कुछ समय से छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर आंदोलनरत थे. सितंबर में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने आश्वासन दिया था कि पूरे प्रदेश में छात्र संघ चुनाव सितंबर के आखिरी सप्ताह तक करा लिए जाएंगे, लेकिन अक्तूबर का महीना शुरू होने के बाद भी चुनाव की तिथि घोषित न होने से छात्रों में असंतोष फैलने लगा था.
भूख हड़ताल और आंदोलन की स्थिति
कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्रों ने जब चुनाव की तिथि घोषित नहीं की गई, तो उन्होंने नैनीताल स्थित विश्वविद्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी. मंगलवार को छात्रों ने नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से तुरंत चुनाव की तिथि घोषित करने की मांग की. पांच छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू की, जिसके अगले दिन बुधवार को इनमें से दो छात्रों की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
छात्रों ने स्पष्ट किया कि जब तक चुनाव की तिथि घोषित नहीं की जाती, तब तक वे अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे. छात्र संघ चुनाव को लेकर चल रहे इस आंदोलन के बीच, गुरुवार को शासन स्तर पर बैठक की गई, जिसमें चुनाव की तिथि तय की गई. उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने घोषणा की कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और संबद्ध महाविद्यालयों में 25 अक्तूबर को छात्र संघ चुनाव संपन्न होंगे.
यह निर्णय छात्रों की लंबे समय से चली आ रही मांगो के समाधान के रूप में लिया गया है. इस घोषणा के बाद, कुमाऊं विश्वविद्यालय ने एक पत्र जारी कर छात्रों से अपील की कि वे अपना आंदोलन समाप्त करें और चुनाव की तैयारी में जुटें. विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से संयम और धैर्य बनाए रखने की भी अपील की है, ताकि चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से पूरी हो सके.
छात्रों में मिली-जुली प्रतिक्रिया
चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद छात्र समुदाय में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली. जहां एक ओर कुछ छात्र तिथि घोषित होने पर संतुष्ट हैं और आंदोलन समाप्त करने पर सहमति जता रहे हैं, वहीं कुछ छात्रों का मानना है कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है.
छात्र संघ चुनाव की यह तिथि राज्य के शैक्षिक संस्थानों में छात्र राजनीति को एक नई दिशा देने वाली है. यह फैसला न केवल छात्रों की मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से लिया गया है, बल्कि राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. आने वाले दिनों में छात्र संघ चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामांकन और प्रचार-प्रसार की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी, जिससे प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में चुनावी सरगर्मी बढ़ने की संभावना है.