उत्तराखंड में 52 महिला अभ्यर्थियों की टीचर के पद पर नियुक्ति पर लगा ब्रेक, जानें- जाति प्रमाण पत्र क्यों बनी बाधा?
Uttarakhand Teacher Recruitment: उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के लिए दो हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है. हालांकि अब कई चयनित अभयर्थियों की नियुक्ति पर पेंच फंस गया है.
Uttarakhand News Today: उत्तराखंड में 2,906 सहायक अध्यापक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है. सहायक अध्यापक पद पर चयनित 52 महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति जाति प्रमाण पत्र के पेच में फंस गई है. ये सभी महिला अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा से संबंधित हैं, जिनकी शादी उत्तराखंड में हुई है.
इस संबंध में शिक्षा निदेशालय ने शासन से इसे स्पष्ट करने के लिए दिशा-निर्देश मांगा है. जिसमें पूछा कहा गया है कि इन अभ्यर्थियों को उत्तराखंड में आरक्षण का लाभ दिया जाना है या नहीं? हालांकि एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है.
नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक
इन अभ्यर्थियों के सहायक अध्यापक के पद पर चयन के बावजूद उनकी नियुक्ति प्रक्रिया फिलहाल रुकी हुई है. प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों के पदों पर भर्ती हो रही है, लेकिन इन 52 शिक्षिकाओं का जाति प्रमाण पत्र विवाद का विषय बना हुआ है.
शिक्षा निदेशालय के अनुसार, जब तक शासन से स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिलते तब तक इनकी नियुक्ति नहीं की जा सकती है. निदेशालय ने इस संबंध में शासन से मार्गदर्शन मांगा है, जिससे यह तय किया जा सके कि उत्तराखंड में विवाह के बाद इन महिला अभ्यर्थियों को अनुसूचित जाति और जनजाति के तहत आरक्षण का लाभ दिया जाए या नहीं.
शिक्षा निदेशालय ने क्या कहा?
अपर शिक्षा निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा, आरएल आर्य के अनुसार, शिक्षक पद पर चयनित इन 52 महिला अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र के मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है. विभाग ने कई दिन पहले शासन को इस बारे में पत्र लिखा था, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
यह मामला उत्तराखंड के आरक्षण नियमों से संबंधित है, जिसमें यह निर्धारित किया जाना है कि दूसरे राज्यों की महिलाओं को विवाह के बाद यहां के अनुसूचित जाति और जनजाति के तहत आरक्षण का लाभ मिलेगा या नहीं. इस स्पष्ट दिशा निर्देश मिलने के बाद ही सभी चयनित उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ मिलेगा.
दिशा-निर्देश मिलने का इंतजार
शिक्षा निदेशालय का कहना है कि दिशा-निर्देश मिलने के बाद ही इन अभ्यर्थियों की पात्रता तय की जा सकेगी. अगर उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाता है, तो उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिए जाएंगे.
दूसरी तरफ अगर उनके आरक्षण के दावे को मान्यता नहीं मिलती, तो उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया अन्य नियमों के तहत की जाएगी. इस स्थिति के स्पष्ट होने के बाद ही चयनित अभ्यर्थियों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो सकेगा.
चयनित अभ्यर्थियों में असमंजस
चयनित 52 महिला अभ्यर्थियों के लिए यह स्थिति निराशाजनक है. वे अपनी नियुक्ति के लिए तैयार हैं, लेकिन जाति प्रमाण पत्र से संबंधित नियमों के कारण उनकी नियुक्ति प्रक्रिया अटकी हुई है. इस मामले में यह भी देखा जा रहा है कि अगर इन अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलता, तो उन्हें सामान्य श्रेणी में रखा जाएगा या नहीं.
अधिकारी और विभाग की प्रतिक्रिया
अपर शिक्षा निदेशक आरएल आर्य ने बताया कि विभाग इस मामले पर पूर्ण रूप से जागरूक है और जल्द से जल्द इस मामले का समाधान निकालने के लिए प्रयास कर रहा है.
उन्होंने कहा, "जब तक शासन से स्पष्ट निर्देश नहीं मिलते, तब तक विभाग कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकता है. यह मामला कानूनी और संवैधानिक नियमों से जुड़ा होने के कारण इसमें सावधानीपूर्वक कदम उठाने की जरूरत है.प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय
प्रदेश में शिक्षकों की कमी
इस पूरे घटनाक्रम के चलते 52 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति अधर में लटकी हुई है. जिससे न केवल ये अभ्यर्थी असमंजस में हैं, बल्कि राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की समस्या भी बनी हुई है. प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पहले से ही चिंता का विषय है.
इस प्रकार नियु्क्ति प्रक्रिया में देरी से समस्या और गंभीर हो सकती है. अब सभी की नजरें शासन के दिशा-निर्देशों पर हैं, जिससे समस्या का समाधान निकल सकेगा और चयनित अभ्यर्थियों को उनके पदों पर नियुक्त किया जा सकेगा.
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