Uttarakhand Election: अक्सर देखा गया है कि जनता आरोप लगाती है कि नेता और मंत्री केवल चुनाव के वक्त ही नजर आते हैं, चुनाव जीतने के बाद लोगों की समस्या पूछने कोई नहीं आता है. ऐसा ही कुछ मामला उत्तराखंड के टिहरी जिले में एक गांव से सामने आया है. दरअसल, टिहरी जिले की विधानसभा घनसाली के दूरस्थ समण गांव के ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, ग्रामीणों ने 2022 के चुनाव का बहिष्कार करते हुए कहा कि अगर ग्रामीणों की आवाजाही के लिए पुल नहीं तो नेताओं के लिए वोट भी नहीं है, साथ ही ग्रामीणों ने नेताओं के गांव में आने पर भी सख्ती कर दी है, कहा कि किसी भी नेता को गांव में नहीं घुसने दिया जायेगा.
बताते चले कि समण गांव के लिए 2015 में सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी, जिसके बाद 2018 तक गांव में बिना पुल के सड़क निर्माण कार्य किया गया लेकिन एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ने वाला पुल बनाना ही भूल गए. पुल नहीं होने से ग्रामीणों को करीब 5-7 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती है.
करीब 1200 वोटर वाले समण गांव के ग्रामीणों को पुल निर्माण के लिए क्षेत्रीय भाजपा विधायक शक्तिलाल ने कई बार आश्वासन दिया, लेकिन आश्वासन के बाद भी आज तक पुल निर्माण नहीं हो पाया, जिस कारण ग्रामीणों में क्षेत्रीय भाजपा विधायक के खिलाफ आक्रोश है, ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव के समय नेताओं को गांव में नहीं घुसने व चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.
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