Uttarakhand Weather News: क्रिसमस और नए साल से पहले उत्तराखंड में ठंड बढ़ने की संभावना जताई गई है. मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के पर्वतीय जिलों में आज बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जारी किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट होगी, जिससे ठंड में इजाफा हो सकता है. इस दौरान मौसम विभाग ने लोगों को ठंड में बचने की सलाह दी है.

 

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, देहरादून के पर्वतीय इलाकों समेत उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिले में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है. इन जिलों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से बर्फबारी होने के आसार हैं. मौसम विभाग ने बताया है कि मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन तापमान में गिरावट से ठंड बढ़ सकती है.

 

प्रदेश में बारिश और बर्फबारी से तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है

पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के विभिन्न इलाकों में तापमान में असामान्य वृद्धि देखी गई है. रविवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक था. वहीं, न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री रहा, जो बीते वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह तापमान में हो रहे बदलावों का नतीजा है, लेकिन आगामी बारिश और बर्फबारी से तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी.

 

बारिश और बर्फबारी के कारण पर्वतीय इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी ठंड बढ़ सकती है. चमोली और उत्तरकाशी जैसे जिलों में बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हो सकता है. यातायात में बाधा और बिजली आपूर्ति में रुकावट जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. वहीं, मैदानी इलाकों में सर्द हवाओं के कारण लोग गर्म कपड़ों का सहारा लेंगे.

 

जलवायु परिवर्तन से फसलों को नुकसान हो सकता है

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम के पैटर्न में बदलाव के कारण उत्तराखंड में इस साल सर्दियों की शुरुआत में बदलाव देखा गया है. न्यूनतम तापमान का बढ़ना और फिर अचानक गिरावट, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को दर्शाता है. विशेषज्ञों ने किसानों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां बर्फबारी और बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है

 

मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि ऊंचाई वाले इलाकों में यात्रा करते समय सतर्क रहें. बर्फबारी के कारण सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा, ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का उपयोग और स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है. क्रिसमस और नए साल के जश्न के बीच ठंड का यह असर पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों के लोगों को प्रभावित करेगा. सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस दौरान सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.