Uttarakhand: राजधानी गैरसैंण के आसपास के गांवों तक नहीं पहुंचा विकास, बिना वाहन कई KM पैदल चलते हैं ग्रामीण
Gairsain News: उत्तराखंड के गैरसैंण के विधायक से जब बिजली और सड़क की समस्या को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जल्द ही जिन गांवों तक सड़क नहीं पहुंची वहां बनाई जाएगी.
Uttarakhand Politcs News: गैरसैंण (Gairsain) को उत्तराखंड (Uttarakhand) की ग्रीष्मकालीन राजधानी (Summer Capital) बने हुए तीन साल का वक्त हो गया है, लेकिन इन वर्षों में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद गैरसैंण में कितने बदलाव हुए यह सवाल आज भी बना हुआ है. गैरसैंण के आसपास के सैकड़ों गांव ऐसे हैं जहां अभी भी सड़क, पानी और बिजली की सुविधा लोगों को नहीं मिल रही है. खासकर सड़क ना होने की वजह से स्थानीय लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है यही हालात स्वास्थ्य और शिक्षा के भी हैं.
गैरसैंण उत्तराखंड में राजनीति का बड़ा मुद्दा रहा है. चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियां गैरसैंण को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती रही हैं, इसीलिए आम जनता ने भी गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग उठा दी लेकिन 2020 में त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया. राजधानी बने हुए तीन वर्ष का वक्त हो गया लेकिन इन तीन सालों में गैरसैंण में विकास के नाम पर कितने बदलाव हुए यह सवाल आज भी बना है, क्योंकि आज भी सैकड़ों ऐसे गांव हैं जिनको मूलभूत जरूरतों के लिए कई-कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. गांव तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. पानी की दिक्कतें लोगों को आज भी झेलनी पड़ रही हैं. बिजली के हालात भी बहुत ज्यादा नहीं बदले हैं.
जल्द पहुंच जाएगी गांवों तक सड़क- अनिल नौटियाल
उधर स्थानीय विधायक अनिल नौटियाल का कहना है कि विकास एक सतत प्रक्रिया है इसलिए विकास धीरे-धीरे इस क्षेत्र में किया जा रहा है. राजधानी बनने के बाद जो विकास इस क्षेत्र में होना चाहिए था वह नहीं हो पाया है. नौटियाल ने कहा कि सरकार से कई प्रस्तावों पर मुहर लग चुकी है, और जल्द ही जिन गांव में सड़क नहीं पहुंची वहां सड़क बन जाएगी. साथ ही बिजली, पानी और शिक्षा के हालात भी जल्द सुधार दिए जाएंगे.
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