Uttarakhand Tiger Attack: उत्तराखंड में बाघ के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. आज सुबह 11 बजे के आसपास दिन में दो बाइक सवारों पर बाघ ने हमला कर दिया, जिसमें दोनों बाइक सवार घायल हो गए. स्थानीय लोगों के शोर मचाने के बाद बाघ इन दोनों को छोड़कर भाग गया वरना आज फिर एक बड़ी घटना हो सकती थी.
रामनगर और कुमाऊ के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में बाघ और गुलदार के आतंक को लेकर लगातार ग्रामीण दहशत की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. बाघ द्वारा लगातार किए जा रहे हमलो के बाद ग्रामीणों का आक्रोश लगातार वन विभाग के खिलाफ बढ़ता जा रहा है. शनिवार की सुबह फिर बाघ ने तराई पश्चिमी वन प्रभात के अंतर्गत आम पोखरा रेंज में हाथी डगर स्थित वन चौकी के पास बाइक सवार दो युवकों पर हमला बोलते हुए उन्हें घायल कर दिया.
बाघ ने बाइक सवारों पर किया हमला
बाइक सवार युवकों व मौके से गुजर रहे एक अन्य बाइक सवार युवक ने जब शोर मचाया तो बाघ दो लोगों को घायल कर जंगल की ओर भाग गया. हाथी डगर इलाके में पूर्व में बाघ ने एक महिला को मौत के घाट उतार दिया था. जबकि इसी क्षेत्र में अंकित नाम के युवक पर बाघ ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था. जिसका उपचार चल रहा है.
ग्रामीण कर रहे आंदोलन
ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार घट रही इस घटनाओं को रोकने के लिए और बाघ को पकड़े जाने को लेकर ग्रामीण लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन आज तक ग्रामीणों को कोई राहत नहीं मिली है. ताजा हमले में घायल युवकों की पहचान चंद्र नगर मालधन चौड निवासी 24 वर्षीय धर्मेश कुमार और जितेंद्र प्रसाद के रूप में हुई हैं.
अस्पताल में भर्ती घायल युवक
दोनों रामनगर से बाइक पर अपने घर जा रहे थे. इसी बीच हाथी डगर वन चौकी के पास अचानक बाघ ने हमला बोलकर इन्हें घायल कर दिया. घटना के बाद इस क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है. दोनों घायलों को उपचार के लिए रामनगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस संबंध में आम पोखरा रेंज के रेंजर पूरन सिंह खनायत ने बताया कि इस क्षेत्र में कर्मचारियों की गस्त बढ़ा दी गई है तथा उन्होंने ग्रामीणों से अकेले ना जाने की अपील की है.
ये केवल रामनगर की ही नहीं पूरे कुमाऊ की हालत है. जहां कई इलाकों में बाघ और तेंदुए के हमले बढ़ते जा रहे हैं. अमूमन ये हमले ठंड के सीजन में अधिक बढ़ जाते हैं. इस दौरान इन जानवरों का मीटिंग पीरियड होता है. वन महकमा लोगों से अपील भी करता है कि इस दौरान जंगल में न जाएं, अपने जानवरों को भी जंगल से दूर रखें.
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