Uttarakhand News: उत्तराखंड के रामनगर (Ramnagar) वन प्रभाग तराई पश्चिमी के अंतर्गत बन्नाखेड़ा रेंज के अंतर्गत पड़ने वाले बेलपोखरा गांव में एक टाइगर घुस गया. रामनगर वन प्रभाग तराई पश्चिमी के अंतर्गत पड़ने वाले बन्नाखेड़ा रेंज के अंतर्गत पड़ने वाले बेलपोखरा गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब खेतों में काम कर रही महिलाओं ने खेत में बाघ को देखा. बाघ के दिखते ही महिलाओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया. शोर सुनकर आसपास के खेतों में धान पाई कर रहे ग्रामीण मौके पर पहुंचे. बाघ की चहलकदमी देख वो भी खौफजदा हो गए.


आनन-फानन में लोगों ने बाघ देखे जाने की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने ने बाग को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया. जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली. डीएफओ प्रकाश चन्द्र आर्या ने कहा कि आबादी में बाघ के देखे जाने की सूचना मिली थी. डॉ दुष्यन्त शर्मा की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर बाघ का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है. उन्होंने कहा कि, बाघ को चुनाखान इको टूरिज्म सेंटर में रखा गया. आगे जो भी उच्चाधिकारियों का आदेश होगा, उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.


कल मनाया जाएगा वर्ल्ड टाइगर डे  
प्रकाश चन्द्र आर्या ने आगे उन्होंने बताया कि, बाघ की उम्र दो साल है. बाघ देखकर लग रहा है कि वह अपनी मां से बिछड़ा है और अभी तक शिकार करना नहीं जानता है. वहीं शिकार न कर पाने के कारण बाघ काफी कमजोर है. फिलहाल बाघ को 24 घंटे के अंडर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. वहीं 24 घंटे के बाद यह तय किया जाएगा कि, बाघ को जंगल में छोड़ा जाए या फिर इलाज के लिए कॉर्बेट नेशनल पार्क में बने रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा. 


इससे पहले बाघ की खाल मिली


बता दें कि, उत्तराखंड में 29 जुलाई को वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जा रहा है, जिसमें भारत के वन एवं पर्यावरण मंत्री और उत्तराखंड समेत तमाम राज्यों के वन मंत्री के साथ वाइल्ड लाइफ टाइगर रिजर्व के निदेशक व उपनिदेशक शामिल होंगे. वहीं इससे पहले उत्तराखंड में एक बाघ की खाल मिलना और अब अचानक से इस बाघ का घायल अवस्था में मिलना वन विभाग के कामकाज को लेकर सवालिया निशान खड़ा करता है.



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