उत्तराखंड त्रासदी: चचेरे भाईयों समेत तीन लोगों की हुई मौत, सरकार ने परिजनों को सौंपा शव
उत्तराखंड त्रासदी में गोरखपुर जिले के चार लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 3 लोगों की बॉडी की शिनाख्त उनके परिवार के लोगों ने कर ली है. परिवार के लोग त्रासदी के बाद वहां पहुंचे थे. परिवार को पार्थिव शरीर सौंप दिया गया है.
गोरखपुर: उत्तराखंड त्रासदी में लापता गोरखपुर जिले के तीन श्रमिकों की मौत की पुष्टि हो गई है. उनके परिजनों ने शव की शिनाख्त कर ली है. इनमें दो चचेरे भाई रहे हैं. उत्तराखंड त्रासदी में मारे गए श्रमिकों के पार्थिव शरीर को उत्तराखंड सरकार ने उनके परिजनों को सौंप दिया है. सरकार की तरफ से मिलने वाली सारी सुविधाएं मारे गए श्रमिकों के परिजनों को दी जा रही है. इनमें दोनों चचेरे भाईयों के पार्थिव शरीर को गोरखपुर लाया जा रहा है. इनका अंतिम संस्कार गोरखपुर में होगा. वहीं, एक अन्य का अंतिम संस्कार परिजन हरिद्वार में करेंगे.
चार लोगों के लापता होने की थी सूचना गोरखपुर के आपदा प्रबंधन अधिकारी गौतम गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड त्रासदी में गोरखपुर जिले के चार लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 3 लोगों की बॉडी की शिनाख्त उनके परिवार के लोगों ने कर ली है. परिवार के लोग त्रासदी के बाद वहां पहुंचे थे. उन्हें पार्थिव शरीर सौंप दिया गया है. गोरखपुर के रहने वाले चार मजदूर उत्तराखंड त्रासदी में लापता हो गए थे.
मजदूरी का करते थे काम गोरखपुर के ग्राम गौराखास पोस्ट जगतबेला के 36 वर्षीय धनुषधारी सिंह पुत्र रामललित, गोरखपुर के गौराखास जगतबेला के 22 वर्षीय वेद प्रकाश पुत्र राजेन्द्र सिंह और गोरखपुर के सहजनवां के केशवकुरहा गांव के रहने वाले शेषनाथ उपाध्याय का शव बरामद हो गया है. धनुषधारी और वेद प्रकाश आपस में चचेरे भाई रहे हैं. उनके परिजनों को शव सौंप दिया गया है. धनुषधारी के साले के छोटे भाई सहजनवां के डोहरिया बाजार बुढियाबारी के रहने वाले 22 वर्षीय नागेन्द्र का शव अभी तक नहीं मिल पाया है. सभी जोशीमठ तपोवन में एनटीपीसी में एक फर्म के माध्यम से मजदूरी का काम करते थे.
सरकार कर रही है मदद उत्तराखंड सरकार ने त्रासदी में मारे गए श्रमिकों को 4 लाख मुआवजा राशि और उत्तर प्रदेश सरकार ने 2 लाख मुआवजा राशि की घोषणा की है. इसके अतिरिक्त मारे गए श्रमिकों के पार्थिव शरीर को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सरकार ने एंबुलेंस समेत अन्य खर्च वहन करने का भी एलान किया है. धनुषधारी सिंह और वेद प्रकाश का पार्थिव शरीर उनके परिवार को दे दिया गया है. केशवपुरा सहजनवां के शेषनाथ उपाध्याय के परिजन उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में ही करेंगे. परिवार पर किसी तरह का कोई आर्थिक बोझ न पड़े इसे लेकर सरकार ने पूरी व्यवस्था की है.
तीन शव बरामद उत्तराखंड में 7 फरवरी को ग्लेशियर फटने की वजह से हुए हादसे में एनटीपीसी और टनल में काम करने वाले सैकड़ों श्रमिक लापता हो गए. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के मजदूरों के शवों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. गोरखपुर के चार श्रमिकों के लापता होने की सूचना मिली थी. जिनमें तीन का शव मिल गया है.
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