Uttarakhand Transport Corporation: दिल्ली सरकार द्वारा बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों पर प्रतिबंध लगाने के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम को बड़ा आर्थिक झटका लगा है. इस प्रतिबंध के चलते निगम की 52 में से 40 सुपर डीलक्स वोल्वो बसें अब सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी. दिल्ली और गुरुग्राम के लिए निगम की सिर्फ 12 बीएस-6 वोल्वो बसें ही संचालित हो रही हैं. प्रतिबंध से पहले देहरादून से दिल्ली और गुरुग्राम के लिए कुल 29 वोल्वो बसें चलती थीं, जो अब घटकर सात रह गई हैं.
मंगलवार को निगम ने सुबह तक सात बीएस-4 वोल्वो बसों को दिल्ली भेजा, लेकिन दिल्ली सरकार की सख्त चेतावनी के बाद बाकी बसों का संचालन रोक दिया गया. इसके साथ ही इन बसों की ऑनलाइन टिकट बुकिंग भी बंद कर दी गई है. प्रतिबंध से पहले दून से दिल्ली के बीच हर घंटे वोल्वो बसें चलती थीं, लेकिन अब यह अंतराल सात घंटे तक बढ़ गया है. इससे उच्च श्रेणी और उच्च मध्यम वर्ग के यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वर्तमान में देहरादून से दिल्ली और गुरुग्राम के लिए केवल सात वोल्वो बसें चल रही हैं.
- सुबह 6 बजे: दिल्ली
- सुबह 10 बजे: दिल्ली होकर गुरुग्राम
- दोपहर 1 बजे: दिल्ली
- शाम 4 बजे: दिल्ली
- शाम 7 बजे: दिल्ली
- रात 10:15 बजे: दिल्ली-गुरुग्राम
- रात 12 बजे: दिल्ली आईएसबीटी
दिल्ली से देहरादून के लिए कितनी बसें संचालित होंगी?
दिल्ली से देहरादून के लिए पहली वोल्वो सुबह 8 बजे और दूसरी बस सुबह 10:30 बजे चलती है. इसके बाद दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे बसें उपलब्ध हैं. देर रात 10 बजे, 10:30 बजे और 1 बजे की बस सेवाएं भी चालू हैं. वोल्वो बसों की कमी को पूरा करने के लिए निगम ने 23 अनुबंधित सीएनजी साधारण बसों, तीन बीएस-6 साधारण बसों और सात बीएस-6 वोल्वो बसों को दिल्ली भेजने की व्यवस्था की है. इसके अतिरिक्त, कालसी, पांवटा साहिब, भाऊवाला और बालावाला से दिल्ली जाने वाली बीएस-4 साधारण बसों को अब मोहननगर तक ही संचालित किया जा रहा है. देहरादून से मोहननगर के बीच 17 साधारण बसें संचालित हो रही हैं.
सुपर डीलक्स बसों के ठप्प होने से उत्तराखंड परिवहन को भारी नुकसान
गुरुग्राम और फरीदाबाद जाने वाली साधारण बसों को पैरिफेरल हाईवे के जरिए भेजा जा रहा है. वहीं, जयपुर जाने वाली बस को वाया अलीगढ़ होते हुए मथुरा के लिए संचालित किया गया है. जयपुर के लिए यह सेवा फिलहाल बंद कर दी गई है. उत्तराखंड परिवहन निगम को सुपर डीलक्स वोल्वो बसों के ठप होने से भारी आर्थिक नुकसान होने की संभावना है. प्रतिबंध से पहले दिल्ली के लिए कुल 150 बसें नियमित रूप से संचालित हो रही थीं, जिनकी संख्या अब केवल 33 रह गई है.
बीएस-6 और इलेक्ट्रिक बसों को आने में अभी समय
महाप्रबंधक (संचालन), पवन मेहरा ने कहा कि बीएस-4 श्रेणी की वोल्वो बसों के ऑपरेटरों को बीएस-6, सीएनजी, या इलेक्ट्रिक बसों का इंतजाम करने के लिए कहा गया है. यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, नई बसों को लाने में कुछ समय लगेगा. उत्तराखंड परिवहन निगम मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर रहा है. वोल्वो बस सेवाओं में आई कमी को अन्य बसों के जरिए पूरा करने की कोशिश हो रही है. बीएस-6 और इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े में शामिल होने के बाद दिल्ली के लिए बस सेवाएं फिर से सुचारू हो सकती हैं. तब तक यात्रियों को वर्तमान समय सारिणी के अनुसार यात्रा की योजना बनाने की सलाह दी गई है. उत्तराखंड में इस प्रतिबंध से न केवल निगम को वित्तीय झटका लगा है, बल्कि यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नई बसों के संचालन तक निगम की सीमित सेवाओं के जरिए ही यात्रा की व्यवस्था करनी होगी.
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