Uttarakhand Transport Corporation: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू किया गया है, जिसके तहत दिल्ली में वाहनों के प्रवेश पर सख्ती बढ़ाई गई है. इन परिस्थितियों में उत्तराखंड के यात्रियों को असुविधा न हो, इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड परिवहन निगम को दिल्ली रूट पर सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद परिवहन निगम ने तत्काल प्रभाव से बसों के फेरों में बढ़ोतरी और नई बसों के संचालन का फैसला लिया है.
परिवहन निगम के पास वर्तमान में 185 सीएनजी बसें उपलब्ध हैं. इन बसों को दिल्ली मार्ग पर अधिकतम क्षमता से चलाया जा रहा है. बीएस-3 और बीएस-4 बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होने के कारण, निगम ने इन बसों को अन्य रूटों पर स्थानांतरित कर दिया है और सीएनजी बसों को प्राथमिकता दी है.
बीएस-6 मॉडल की 130 डीजल बसें दिल्ली रूट पर संचालित
अपर सचिव परिवहन नरेंद्र कुमार जोशी ने बताया कि हाल ही में खरीदी गई बीएस-6 मॉडल की 130 डीजल बसों को भी प्रदेश के विभिन्न स्टेशनों से दिल्ली मार्ग पर संचालित किया जा रहा है. इसके अलावा, बीएस-6 मॉडल की 12 वोल्वो बसों का फेरा बढ़ाया गया है, ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. जो बसें दिल्ली के अंदर प्रवेश नहीं कर पा रही हैं, उन्हें मोहननगर और कौशांबी (उत्तर प्रदेश) तक पहुंचाया जा रहा है. दिल्ली बॉर्डर से यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के साथ समन्वय स्थापित किया गया है. इस व्यवस्था से उत्तराखंड और दिल्ली के बीच यात्रियों का आवागमन सुगम बना हुआ है.
अपर सचिव ने बताया कि वर्तमान में यात्री संख्या विंटर सीजन के कारण 50 प्रतिशत के लगभग है. इसके बावजूद, किसी भी स्टेशन पर यात्रियों की संख्या बढ़ने पर अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की जाएगी. सभी डिपो और अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि तुरंत निर्णय लिया जा सके.
यात्रा के दौरान यात्रियों को उच्च स्तरीय सेवा उपलब्ध हो- सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड से दिल्ली के बीच यात्रा कर रहे यात्रियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो. परिवहन निगम का प्रयास है कि यात्रियों के आवागमन की स्थिति पूर्णतया सामान्य बनी रहे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के हर व्यक्ति को यात्रा के दौरान उच्चस्तरीय सेवा उपलब्ध होनी चाहिए. ग्रैप-4 के लागू होने से दिल्ली में बीएस-3 और बीएस-4 वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. इसके चलते उत्तराखंड परिवहन निगम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. निगम ने इस स्थिति से निपटने के लिए नई बसों की खरीद और उनके त्वरित संचालन का फैसला लिया. साथ ही, दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति सामान्य होने तक निगम यात्रियों के लिए विकल्प उपलब्ध कराने पर जोर दे रहा है.
विभिन्न रूटों पर चलने वाली बसों को रीशिड्यूल कर दिल्ली मार्ग पर भेजा जा रहा है. खासतौर पर बीएस-6 बसों को प्राथमिकता दी जा रही है. निगम ने यात्रियों की आवश्यकता के आधार पर हर रूट की निगरानी के लिए अधिकारियों की टीम भी बनाई है.
उत्तराखंड परिवहन निगम ने डीटीसी बसों के साथ की साझेदारी
दिल्ली बॉर्डर से दिल्ली के अंदर यात्रियों को ले जाने के लिए डीटीसी बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम ने दिल्ली परिवहन विभाग से तालमेल बैठाया है. इस पहल से यात्रियों को एक ही टिकट पर अपनी यात्रा पूरी करने की सुविधा मिल रही है. उत्तराखंड के सभी डिपो और परिवहन निगम के अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. किसी भी आपात स्थिति में तत्काल अतिरिक्त बसें भेजने और यातायात प्रबंधन करने के निर्देश दिए गए हैं.
उत्तराखंड से दिल्ली के बीच यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर परिवहन निगम ने कई सकारात्मक कदम उठाए हैं. सीएनजी और बीएस-6 बसों के संचालन में बढ़ोतरी, रीशिड्यूलिंग, और दिल्ली बॉर्डर तक बसों की सेवा जैसे प्रयास यात्रियों के लिए राहत लेकर आए हैं. निगम का यह कदम यात्रियों की सुविधा और यात्रा को सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है.