Uttarakhand Tunnel Accident: 'सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालना प्राथमिकता...', नितिन गडकरी ने लिया घटनास्थल का जायजा
Uttarakhand News: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों और उनके परिजनों के मनोबल को बनाए रखना इस समय सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है. हम इस समय एक साथ छह विकल्पों पर काम कर रहे हैं.
Uttarakhand Tunnel Accident News: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है और उन्हें जल्द बाहर निकालना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मौके पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विषम हिमालयी परिस्थितियों को देखते हुए बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यहां मिट्टी का स्तर एक समान नहीं है और यह मुलायम और कठोर दोनों है जिससे यांत्रिक अभियान चलाया जाना मुश्किल है.
मौके पर बचाव कार्यों की समीक्षा करने के बाद गडकरी ने संवाददाताओं को बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अमेरिकी आगर मशीन से मलबे में क्षैतिज ड्रिलिंग करके सुरंग में फंसे श्रमिकों तक सबसे जल्दी पहुंचने का तरीका है. गडकरी ने कहा, 'अमेरिकी आगर जब मुलायम मिट्टी में ड्रिलिंग कर रही थी तब वह सही तरीके से काम कर रही थी, लेकिन जब उसके सामने एक कठोर बाधा आयी तो समस्या आने लगी. इस कारण मशीन को ज्यादा दवाब डालना पड़ा जिससे कंपन हुए और सुरक्षा कारणों से इसे रोक दिया गया.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों और उनके परिजनों के मनोबल को बनाए रखना इस समय सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, ' हम इस समय एक साथ छह विकल्पों पर काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय भी बचाव अभियान की करीब से निगरानी कर रहा है. हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता सभी फंसे श्रमिकों को जल्द से जल्द बचाना है. जो भी जरूरी होगा, वह किया जाएगा.' गडकरी ने कहा कि जिस भी मशीन की या तकनीकी सहायता की जरूरत होगी, उसे उपलब्ध कराया जाएगा.
उन्होंने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को लगातार ऑक्सीजन, बिजली, खाना, पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जिस पाइप से अब तक खाने की आपूर्ति की जा रही है, उसके अलावा एक ज्यादा बड़े व्यास का वैकल्पिक पाइप भी डाला गया गया है ताकि उन्हें रोटी, सब्जी और चावल भी उपलब्ध कराया जा सके. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ को इकट्ठा कर उनसे सलाह मांगी गयी है कि फंसे श्रमिकों को सकुशल जल्द बाहर निकालने के लिए क्या तरीके अपनाए जाएं.
उन्होंने कहा कि सुरंग के ऊपर से 'वर्टिकल ड्रिलिंग' शुरू करने के लिए तैयारियां चल रही हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें जल्द बाहर निकालने के लिए हर संभव तरीका अपनाया जा रहा है. गडकरी ने बताया कि केंद्र द्वारा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 2.75 लाख करोड़ रुपये की लागत से सुरंगें बनायी जा रही हैं.