Uttarakhand Tunnel Accident: टनल में फंसे यूपी के मजदूरों से अधिकारियों ने की बात, बोले- 'आप शेर हैं, हिम्मत रखिए'
Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा ढहने से सुरंग के अंदर 41 मजदूर फंसे हुए हैं. इनमें उत्तर प्रदेश के श्रमिक भी शामिल हैं.
Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. 12 नवंबर की सुबह हुए इस हादसे के बाद आठ दिन बीत चुके हैं. लेकिन अब तक एक भी मजदूर को नहीं बचाया जा सका है. टनल में यूपी, ओडिशा समेत कई राज्यों के मजदूर फंसे हैं. अब इन राज्यों की सरकारें भी एक्टिव मोड़ पर हैं.
टनल में उत्तर प्रदेश के फसें लोगों की कुशल क्षेम पूछने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी भी पहुंचे हैं. जो इन लोगों से लगातार बात कर रहे हैं. अधिकारियों ने मजदूरों से कहा कि हिम्मत बनाए रखिए. पूरा देश आपके साथ है और आपके लिए दुआ कर रहा है. आप शेर हैं. आप परेशान न हों सरकार आपको जल्द बाहर निकालने के लिए पूरा प्रयास कर रही है.
नितिन गडकरी ने किया घटनास्थल का दौरा
अधिकारी के ये पूछने पर कि तबीयत कैसी है तो मजदूर ने कहा कि तबीयत ठीक है. अधिकारियों ने मजदूरों से कहा कि उन्हें बहुत जल्दी बचा लिया जाएगा. इस बीच रविवार (19 नवंबर) को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी घटनास्थल पर बचाव और राहत कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे. उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा ढहने से सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्य (रेस्क्यू ऑपरेशन) का आज केंद्रीय मंत्री श्री @nitin_gadkari जी ने मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी के साथ स्थलीय… pic.twitter.com/7uoN405wbU
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) November 19, 2023
"दो से ढाई दिनों में मजदूरों तक पहुंच पाएंगे"
नितिन गडकरी ने कहा कि बीते 7-8 दिनों से हम मजदूरों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. सरकार की विभिन्न एजेंसियां यहां काम कर रही हैं. हमारी प्राथमिकता फंसे हुए पीड़ितों को भोजन, दवा और ऑक्सीजन उपलब्ध कराना है. अगर ऑगर मशीन ठीक से काम करती है, तो हम अगले दो से ढाई दिनों में मजदूरों तक पहुंच पाएंगे.
टनल हादसे पर राज्य आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा, "हम ऑगर मशीन की मदद से 900 मिमी व्यास का पाइप डाल रहे हैं. हम 22 मीटर तक पहुंच चुके हैं और तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. भोजन और अन्य आवश्यक सामान भेजने के लिए एक लाइफलाइन पाइप है. हम इसके ऊपर एक और पाइप डाल रहे हैं क्योंकि वहां मलबा कम था. वहां हम 42 मीटर तक चले गए हैं और कुछ मीटर ही बचे हैं. जब वह तैयार हो जाएगा तो हमारे पास लाइफ सपोर्ट के लिए एक और पाइप होगा."
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