Uttarakhand Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में पिछले 10 दिनों से 41 मजदूर फंसे हुए हैं. मंगलवार (21 नवंबर) को सुरंग के अंदर से पहला वीडियो भी सामने आया है जिसमें सभी मजदूर सुरक्षित नजर आ रहे हैं. लाइफ सपोर्ट पाइप के जरिए खाने के लिए खिचड़ी के साथ-साथ कैमरा अंदर पहुंचाया गया था ताकि मजदूरों की जानकारी मिल सके. इस वीडियो के सामने आने के बाद मजदूरों के परिजनों ने कहा है कि उन्हें अब आशा की एक किरण दिखाई दे रही है. 


वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने श्रमिक पाइपलाइन के माध्यम से भेजे गए खाने को प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं. फंसे लोगों के लिए जल्द रेस्क्यू के लिए अब वर्टिकल ड्रिलिंग की जानी है जिसके लिए मशीन साइट पर पहुंच गई है. इस पूरे घटनाक्रम में ये जानना भी जरूरी है कि ये सुरंग आखिर कितनी लंबी है और मजदूर किस हिस्से में फंसे हुए हैं. जहां मजदूर फंसे हुए हैं वो क्षेत्र कितना बड़ा है. 


जानें सिलक्यारा टनल के बारे में


उत्तरकाशी में बन रही ये टनल सिलक्यारा से लेकर बड़कोट तक है. जिसकी लंबाई 4,531 मीटर है. इस सुरंग के निर्माण से तीर्थयात्रियों को अत्यधिक लाभ होगा क्योंकि यह हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग-134 (धरासु-बड़कोट-यमुनोत्री रोड) की 25.6 किमी हिम-स्खलन प्रभावित लंबाई घटकर 4.531 किलोमीटर रह जाएगी. जिसके परिणामस्वरूप यात्रा का वर्तमान समय 50 मिनट का दसवां हिस्सा 5 मिनट रह जाएगा. 


किस जगह फंसे हैं मजदूर? 


12 नवंबर 2023 को सुबह 5.30 बजे 41 श्रमिक सुरंग के अंदर सिल्कयारा पोर्टल से 260 मीटर से 265 मीटर अंदर रिप्रोफाइलिंग का काम कर रहे थे. तभी सिल्कयारा पोर्टल से 205 मीटर से 260 मीटर की दूरी पर मिट्टी का धंसाव हुआ और श्रमिक अंदर फंस गए. 




इस सुरंग में जिस जगह पर मजदूर फंसे हैं वो सिलक्यारा की तरफ है. मजदूर करीब 2075 मीटर के क्षेत्र में फंसे हुए हैं. इस हिस्से का निर्माण हो चुका है. जिस जगह पर भूस्खलन हुआ है वो हिस्सा सिलक्यारा की तरफ है. अब ये मजदूर जिस क्षेत्र में फंसे हुए वहां उनके लिए काफी जगह है और अंदर लाइट का भी इंतजाम है. 


सुरंग में कितना काम होना बाकी


वर्तमान में सुरंग का लगभग 4060 मीटर यानी 90 प्रतिशत लंबाई का कार्य पूरा हो चुका है और 470 मीटर लंबाई के लिए खुदाई का काम चल रहा है. सिल्कयारा की ओर से 2350 मीटर तक और बड़कोट की ओर से 1710 मीटर तक हेडिंग की जाती है. सिल्कयारा की तरफ से 60 मीटर लंबी निकास सुरंग बननी है, लेकिन 30 मीटर के बाद काम बंद करना पड़ा है. यहां सुरक्षात्मक कदम उठाए जा रहे हैं. 


हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब


सोमवार को मजदूरों तक खाद्य सामग्री व अन्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए 6 इंच व्यास का 57 मीटर लंबा पाइप डालने में सफलता मिली थी. यहां चार इंच व्यास का एक पाइप पहले से है. सुरंग के अंदर हालात खतरनाक हैं और यहां भूकंप का असर भी है. उत्तरकाशी में बचाव अभियान के बीच नैनीताल हाई कोर्ट ने मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार से 48 घंटे में जवाब मांगा है. मामले को लेकर अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी. 


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